सोशल मीडिया पर आए दिन एक से बढ़कर एक वीडियो वायरल होते रहते हैं. कुछ वीडियो ऐसे होते हैं, जो अपने आप में चौंकाने वाले होते हैं. कई वीडियो सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि क्या सच में ऐसा हो सकता है? हम आपके साथ एक ऐसा ही वीडियो शेयर करने जा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में दो युवतियां सड़क पार करते हुए अचानक गायब हो गईं. इस वीडियो को देखकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं, और कुछ इसे भूतों बता रहे हैं. इस घटना ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया है, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा कुछ हुआ है?
क्या सच में दोनों युवतियां होती हैं भूत?
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दो युवतियां सड़क पर कर रही होती है. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सड़क काफी बिजी लग रहा है. इस बीच दो युवतियां सड़क पार कर रही होती हैं और अचानक से गायब हो जा्ती हैं. इसे ही लेकर लोग बता रहे हैं कि ये दोनों युवतियां भूत थी.
बता दें कि इस तरह के वीडियो अक्सर फेक या मॉर्फ्ड होते हैं, जिनका मकसद लोगों को भ्रमित करना और सनसनी फैलाना होता है. जब इस वीडियो की जांच की गई, तो पता चला कि यह वीडियो एडिट किया गया है. आज के डिजिटल युग में ऐसे वीडियो बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है, और कई बार इसे ध्यान खींचने या व्यूज बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
साइंस और भूतों की सच्चाई का कॉन्सेप्ट
भूतों के अस्तित्व को लेकर लोगों में हमेशा से जिज्ञासा और डर बना रहा है. हालांकि, साइंस ने अब तक इस बात की कोई ठोस पुष्टि नहीं की है कि भूत वास्तव में होते हैं. अधिकांश वैज्ञानिक मानते हैं कि भूतों से जुड़ी घटनाएं हमारी कल्पना, भ्रम, या मानसिक स्थितियों का परिणाम हो सकती हैं. कुछ मनोवैज्ञानिक इसे “पैरिडोलिया” का नाम देते हैं, जिसमें हमारा दिमाग किसी भी आकृति या आवाज को किसी जानी-पहचानी चीज़ से जोड़ने की कोशिश करता है, जैसे कि अंधेरे में किसी धुंधली छाया को भूत समझ लेना.
इसके अलावा, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे असामान्य पर्यावरणीय स्थितियां जैसे कि कम-फ़्रीक्वेंसी साउंड वेव्स या मैग्नेटिक फील्ड्स का प्रभाव भी हो सकता है, जो हमारे मस्तिष्क को भ्रमित करती हैं. वायरल हो रहे वीडियो के माध्यम से भूतों के अस्तित्व को साबित करने का दावा पूरी तरह से आधारहीन और गलत है। यह एक एडिटेड वीडियो है, जिसका मकसद केवल लोगों को भ्रमित करना है। भूतों का अस्तित्व अब तक विज्ञान द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया है, और इस तरह के दावे केवल लोगों की भावनाओं और डर से खेलते हैं.