क्या आपकी मुलाकात कभी किसी ऐसे शख्स से हुई है, जो नींद में बोलता है? बिल्कुल इसी तरह कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो नींद में चलते भी है. साइंस की भाषा में इसे स्लीपवॉकिंग कहा जाता है. दरअसल ये एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसमें कोई शख्स नींद के आगोश में चहलकदमी करता है, यानि भले ही वो पूरी तरह सो रहा हो, मगर उसका शरीर मूवमेंट करता है. आमतौर पर ये मूवमेंट कुछ फासलों का होता है, जैसे कमरे के एक कोने से दूसरे कोने तक, या फिर घर के दो अलग-अलग कमरों के बीच, लेकिन आज एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो सोते-सोते करीब 160 किमी से ज्यादा का सफर तय कर लिया...
ये किस्सा दरअसल साल 1987 का है, 6 अप्रैल की सुबह करीब 7 बजे के आसपास अमेरिका में इंडियाना के पेरू में एक रेलवे ट्रैक पर एक 11 वर्षीय लड़का मिलता है. उसने नाइट सूट पहन रखा था और उसके पैर नंगे थे. साथ ही उसके पैरों में घाव थे. फौरन पुलिस मामले में पड़ताल शुरू करती है, मालूम चलता है कि इस 11 साल के बच्चे का नाम माइकल डिक्सन है, जो यहां से करीब 160 किमी से भी ज्यादा दूर इंडियाना के डेनविले में रहता है.
आखिरी बार बिस्तर पर था...
बच्चे से घर का पता और कॉन्टेक्ट नंबर लेकर फौरन घर वालों को फोन किया जाता है. वहां से माइकल की मां फोन उठाती है, जिसे इस पूरे घटना के बारे में बताया जाता है. मां पुलिस को बताती है कि आखिरी बार उसने अपने बेटे को 5 अप्रैल की रात, बिस्तर पर लेटे हुए देखा था. उसे तो अभी तक ये लग रहा था, मानों उसके बेटा सुरक्षित घर में सो रहा है. अब बेटे की सलामती की खबर सुनकर उसकी जान में जान आती है.
आखिर इतना दूर कैसे पहुंचा?
अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर माइकल नींद में यहां तक पहुंचा कैसे? मामले की पड़ताल मे मालूम चलता है कि माइकल ने नींद में चलते हुए शायद अपने घर के पास मौजूद एक स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी में सवार हो गया होगा, जिसके बाद वो घर से बहुत दूर निकल गया. हालांकि जब इससे जुड़े सवाल उससे पूछे गए, तो उसे ऐसा कुछ भी याद नहीं था.
जब ये खबर दुनिया के सामने आई, तो हर कोई काफी हैरत में पड़ गया. बाद में इस मामले को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया. इससे पहले कभी ऐसा कोई मामना नहीं देखा गया था.
Source : News Nation Bureau