प्यार अंधा होता है। यह ना उम्र देखता है और नाही जात। और जब प्यार परवान चढ़ता है तो समाज की बंदिशों को भी दरकिनार कर फैसले लेता हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला गोड्डा में। जहां 59 वर्ष के युवा जज शिवपाल सिंह ने 50 वर्ष की अपनी प्रेमिका नूतन तिवारी संग विवाह रचा लिया। जिले में इसकी खूब चर्चा हो रही है। चौक चौराहे व चाय की दुकान पर लोग इसकी ही बात कर रहे है। हो भी क्यों न। बात ही जरा हटके है। रिटायर्मेंट की उम्र में शादी!!! ऐसी ही कहानी लगभग ढेड़ दशक पहले पटना से सुनने को मिली थी। ये भी काफी चर्चित रही थी। बाद में समाज में इसका बहिष्कार भी हुआ था। जब एक शिक्षक ने अपनी स्टूडेंट्स के साथ खुल्लम-खुल्ला प्यार का इजहार किया था। जी हां आप सही गेस कर रहे हैं। ये शख्स कोई और नहीं बटूकनाथ जी थें। जो अपनी शिष्या जूली को दिल दे बैठे थें। इन दोनों कहानियों में समानता केवल केंद्र में पच्चास के बाद का प्यार होना ही है। बाकी गोड्डा जज साहेब की कहानी इससे अलग है। दोनों की गाड़ी प्यार तक ही नहीं रुकी। दोनों शादी के बंधंन में भी बंधे। वो भी अपने परिवार के मर्जी से। समाज ने भी इनके रिश्ते को सहर्ष स्वीकार किया।
शिवपाल की जिले में बड़ी शख्सियत है। गोड्डा के प्रथम जज हैं। बीते तीन वर्ष से इस पद पर काबिज हैं। मिजाज से कड़क और वसूल के पक्के जजों में गिनती होती है। अपने जीवन में कई अहम फैसले सुना चुके हैं। उसी में एक महत्वपूर्ण फैसला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से जुड़ा हुआ है। जिसमें चारा घोटाला के केस में जज शिवपाल सिंह ने ही फैसला सुनाया था। इसी की सजा लालू काट रहे हैं। फिलहाल जमानत पर अभी बाहर हैं। स्वास्थ्य कारणों से कई दिनों तक अस्पताल में भी रहे है। लालू इसी केस में उम्र व स्वास्थ्य का हवाला देकर रिहाई की गुहार भी लगा चुके है। जिसे खारीज कर दिया गया।
शिवपाल व नूतन आज एक-दूजे के हो गए। जज साहब ने नूतन की मांग सिंदूर से भर दी है। साहेब के साथ नूतन भी गोड्डा जिला कोर्ट में अपनी सेवा देती थी। दोनों की जान-पहचान यही से हुई। एक ही पेशे में होने के कारण दोनों के बीच नजदिकियां बढ़ीं। कुछ दिन के बाद ये नजदिकियां दोस्ती में बदली। दोस्ती प्यार में। और यह प्यार बंध गया जन्मों-जन्मों के बंधन में। अधिवक्ता सर्वजीत झा ने बताया कि जब जिला जज से इसकी सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने विवाह की पुष्टि की। सर्वजीत झा ने यह भी कहा कि जिला जज अभी रांची आवास में है।
जज शिवपाल सिंह की पत्नी की मृत्यु दो दशक पूर्व ही हो गई थी। उनकी एक बेटी व एक बेटा है। बच्चों से आपसी सालह के बाद ही बात शादी तक पहुंची। बेटा व बेटी से रजामंदी के बाद ही जज साहब ने नूतन के संग सात फेरे लेने का फैसला लिया। वहीं अधिवक्ता नूतन के पति का भी स्वर्गवास कुछ साल पहले ही हो गया था। उन्हें भी इस उम्र में सहारे की जरूरत थी। इस कारण प्यार के बाद शादी के निर्णय तक पहुंचने में उन्हें भी कठिनाई नहीं हुई। नूतन का एक बेटा भी है।
नूतने पेशे से वकील के साथ-साथ भाजपा संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। पति की मौत के बाद नूतन तिवारी गोड्डा में ही वकालत की प्रैक्टिस करने आ गई थीं। यहीं भाजपा के जुड़कर सामाजिक सेवा का कार्य भी देखती हैं। इसके अलावा जिला स्तरीय कार्यक्रम में भी अपना सहयोग देती हैं। नूतन का नाम तेज-तर्रार अधिवक्ताओं में आता है। सामजिक कार्यो में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। महिलाओं व युवतियों को उनके हक व अधिकार से समय-समय पर अवगत कराते रहती हैं। साथ ही उन्हें समाज में बेहतर करने के लिए प्रेरित भी करती हैं।
Source : News Nation Bureau