कोरोना वायरस (coronavirus) लोगों की सांसें छिन रहा है. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से लगातार मौतें हो रही हैं. वहीं अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच बेल्जियम से एक इमोशनल कहानी सामने आ रही है. जहां एक 90 साल की महिला ने वेंटिलेटर्स लगाने से मना कर दिया और कहा कि वेंटिलेटर्स युवा मरीजों के लिए रखें. उन्हें बचाना जरूरी है. मैंने काफी अच्छा जीवन जी लिया है. इसके बाद दादी दुनिया को अलविदा कह गई. युवाओं की जिंदगी बचाने के लिए जो बुजुर्ग महिला ने किया लोगों उन्हें सलाम कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनकी कहानी तेजी से वायरल हो रही है. लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं. चलिए हम आपको बताते हैं महिला की पूरी कहानी.
बहादुर महिला का नाम सुजान होयलर्ट्स था. लूबेक के पास बिनकोम में रहने वाली बुजुर्ग महिला को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. 20 मार्च को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनमें कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद उन्हें आइसोलेशन में रखा गया. जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. डॉक्टर जब उन्हें वेटिलेटर्स पर रखने लगे तो उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं आर्टिफिशियल रेस्पिरेशन का इस्तेमाल नहीं करना चाहती. उसे युवा मरीजों के लिए बचाएं. मैंने काफी अच्छा जीवन जी लिया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दो दिन बाद बहादुर महिला का निधन हो गया. उनकी बेटी जूडिथ ने एक डच अखबार से कहा,'मैं उन्हें अलविदा नहीं कह सकी. मुझे उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल होने का मौका नहीं मिला.
इसके साथ ही बुजुर्ग महिला की बेटी ने कहा कि मुझे अभी तक पता नहीं चला कि मां को कोरोना कैसे हुआ. उन्होंने खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखा हुआ था.
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बता दें कि बेल्जियम (Belgium) में भी कोरोना वायरस ने कोहराम मचा हुआ है. अभी तक वहां 15 हजार से ज्यादा कोरोना केस सामने आए हैं. जबकि 1 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
Source : News Nation Bureau