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Tajmahal तोड़ा जाए... शाहजहां-मुमताज के सच्चे प्रेम की जांच भी होः बीजेपी एमएलए

उन्होंने दावा किया कि दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल हिंदू राजघराने की संपत्ति से बनाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो मुगल-युग के स्मारकों के स्थान पर मंदिरों का निर्माण कराने का भी अनुरोध किया.

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Nihar Saxena
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Tajmahal

असम के बीजेपी विधायक के मुगल स्मारकों पर बयान से खड़ा हुआ विवाद.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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एनसीईआरटी (NCERT) की क्लास 12 की पाठ्यपुस्तकों से मुगल इतिहास (Mughal History) के कुछ अध्यायों को कथित तौर पर हटाने के विवाद के बीच असम (Assam) के भारतीय जनता पार्टी विधायक (BJP) रूपज्योति कुर्मी ने कथित तौर पर ताजमहल (Tajmahal) और कुतुब मीनार (Qutub Minar) को गिराने की मांग कर विवाद खड़ा कर दिया है. ऑनलाइन वायरल हो रहे वीडियो में रूपज्योति कुर्मी कथित तौर पर इस बात की जांच की मांग कर रहे हैं कि क्या मुगल बादशाह शाहजहां को अपनी बेगम मुमताज से 'सच्चा प्यार' था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से दो मुगल-युग के स्मारकों के स्थान पर मंदिरों का निर्माण कराने का भी अनुरोध किया. मरियानी विधायक ने यहां तक घोषणा कर दी कि वह मंदिर निर्माण के लिए अपना एक साल का वेतन दान करने को तैयार हैं.

ताजमहल और कुतुब मीनार की जगह बनें भव्य मंदिर
इस वीडियो में रूपज्योति कुर्मी कहते पाए जाते हैं, 'मैं प्रधानमंत्री से ताजमहल और कुतुब मीनार के तुरंत ध्वस्तीकरण का आग्रह करता हूं. इन दोनों स्मारकों की जगह दुनिया के सबसे खूबसूरत मंदिर बनने चाहिए. उन दोनों मंदिरों की वास्तुकला ऐसी होनी चाहिए कि कोई अन्य स्मारक उनके करीब भी न आ सके.' यह सवाल करते हुए कि 17वीं शताब्दी के मुगल बादशाह ने मुमताज की मृत्यु के बाद तीन बार और निकाह क्यों किया, उन्होंने दावा किया कि दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल हिंदू राजघराने की संपत्ति से बनाया गया था. वह कहते हैं, 'वर्ष 1526 में मुगल भारत आए और बाद में ताजमहल बनाया. शाहजहां ने हिंदू राजाओं से लिए गए धन से ताजमहल बनवाया और वह हमारा पैसा था. उन्होंने अपनी चौथी बेगम के लिए ताजमहल बनवाया. उन्होंने सात पत्नियों से निकाह किया और मुमताज चौथे नंबर की बेगम थी. अगर वह मुमताज से इतना ही प्यार करते थे, तो उन्होंने बाद में और निकाह क्यों किए.' समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चार बार के विधायक ने जोर देकर कहा कि वास्तव  में सर्वत्र प्रेम का प्रतीक ताजमहल 'प्रेम का प्रतीक ही नहीं' है.

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एनसीईआरटी विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को क्लास 12 के राजनीति विज्ञान और इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से 'महात्मा गांधी की हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए हिंदू चरमपंथियों को नापसंद करना' और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भों को कथित रूप से हटाने के लिए विपक्षी नेता आड़े हाथों ले रहे हैं. एक अंग्रेजी अखबार ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए एनसीईआरटी के संशोधित पाठ्यपुस्तकों की सबसे पहले खबर ती थी. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एनसीईआरटी की इतिहास की किताब 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट-2' से 'किंग्स एंड क्रॉनिकल्स: द मुगल कोर्ट्स' से संबंधित विषयों को भी हटा दिया गया है. हालांकि एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि पाठ्यक्रमों में बदलाव विषय विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर किए गए थे, न कि किसी राजनीतिक विचारधारा के तहत.

HIGHLIGHTS

  • भाजपा विधायक के कथित तौर पर ताजमहल और कुतुब मीनार गिराने की मांग पर विवाद
  • यह सवाल भी उठाया मुगल बादशाह शाहजहां को अपनी बेगम मुमताज से 'सच्चा प्यार' था!
  • पीएम नरेंद्र मोदी से मुगल स्मारकों के स्थान पर मंदिरों का निर्माण कराने का भी अनुरोध
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