कोई खाते-खाते मर जाता है और कोई भूख से. दुनिया की यह रवायत सदियों से चली आ रही है और अभी भी बदस्तूर जारी है. भले ही हम तरक्की कर रहे हैं लेकिन एक तबका ऐसा भी है जहां आज भी खाने को नहीं मिलता है. वो बेहद ही गरीबी में गुजर बसर करते हैं...और जरा सोचिए कि लॉकडाउन में उनकी क्या हालत होती होगी. एक बेहद ही मार्मिक कहानी केन्या से सामने आई है. जहां एक मां अपने बच्चों के भूख को शांत कराने के लिए पत्थर उबालें.
मां तो मां होती है चाहे वो दुनिया के किसी कोने की हो. वो अपने बच्चों को रोता नहीं देख सकती है. केन्या के मोम्बासा शहर में रहती है एक ऐसी ही मां. नाम है पेनिना बहाती कित्साओ. इस मां के 8 बच्चे हैं. ये मां विधवा और निरक्षर है. पति के नहीं होने और साक्षरता के अभाव में वो लोगों के कपड़े धोकर अपने और अपने बच्चों की जिंदगी बचा रही है. लेकिन कोरोना संकट के बाद तो जिंदगी और भी दुश्वार हो गई.
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लॉकडाउन की वजह से महिला किसी के घर नहीं जा पाती है. उसे घर खाने को अनाज नहीं बचे हैं. उसके बच्चे भूख से रो रहे थे. बच्चों को भूखा रोते देख मां ने चूल्हे पर पत्थर उबलाने का नाटक किया. ताकि खाने की उम्मीद और इंतजार में बच्चे सो जाएं.
Kisauni widow “cooked" stones for her children as a ruse to stop them crying. The mother of eight lost her income due to coronavirus containment measures and was no longer able to feed her children. #NewNormal @Warungu pic.twitter.com/JfPknEWnbM
— NTV Kenya (@ntvkenya) April 30, 2020
कहानी पढ़कर 'मदर इंडिया' की याद आ गई ना. जब एक मां अपने बच्चों शांत कराने कि लिए झूठा दिलासा देती है कि खाना बन रहा है. लेकिन असल में चूल्हे पर सिर्फ पानी उबल रहा होता है.
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हालांकि केन्या की इस मां को मदद मिल गया. एनटीवी द्वारा इंटरव्यू किए जाने के बाद कई लोग महिला की मदद के लिए आगे आए हैं. वो बैंक अकाउंट के जरिए उसे पैसे भेज रहे हैं. तो आप भी अपने आसपास देखिए अगर कोई भूखा है और आप उसे खिलाने में सक्षम हैं तो उसकी मदद कीजिए.
Source : News Nation Bureau