करीब 8 साल पहले 16 दिसंबर, 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले में कुल 6 में से 4 दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी पर चढ़ा दिया गया. इस बड़े मौके पर लोग निर्भया को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. जेल मैन्युअल के मुताबिक, फांसी से पहले अपराधियों की आखिरी ख्वाहिश पूरी की जाती है. यह भी पूछा जाता है कि मौत के बाद वो अपने जमीन-जायदाद का क्या करेंगे. अंगदान के बारे में भी पूछा जाता है. साथ ही उनसे यह भी जानकारी ली जाती है कि जो सामान जेल में उनके पास है वो उसे किसको देना चाहेंगे. यह सारी प्रक्रिया शुक्रवार सुबह 4:45 से 5 बजे के बीच हुई.
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इंसाफ मिलने में लगा 7 साल, 3 महीने और 4 दिन का समय
इस मौके पर टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज और पूर्वी दिल्ली के मौजूदा बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने निर्भया से माफी मांगी है. गौतम गंभीर ने सोशल मीडिया पर लिखा, ''आखिरकार! मौत तक फांसी! मुझे पता है कि हमने बहुत देरी की निर्भया.'' गौतम गंभीर के इस पोस्ट से साफ जाहिर है कि वे दोषियों को सजा मिलने में हुई देरी से काफी नाराज हैं. निर्भया को इंसाफ मिलने में 7 साल, 3 महीने और 4 दिनों का समय लग गया. इस दौरान निर्भया के दोषियों ने बचने की खूब कोशिशें कीं, लेकिन वे देश की कानून व्यवस्था से नहीं बच पाए.
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फांसी टलने पर रोती थीं निर्भया की मां
इससे पहले, निर्भया को मिलने वाले इंसाफ में हो रही देरी की वजह से पूरे देश में गुस्से का माहौल था. खुद निर्भया की मां को कई बार कोर्ट के बाहर रोते हुए देखा गया था. हालांकि, आखिरकार दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद सभी ने निर्भया को मिले इंसाफ का स्वागत किया है. निर्भया के साथ दरिंदगी करने वालों की मौत के बाद देश में एक खुशी की लहर है कि देर ही सही, लेकिन हैवानों को उनके सही ठिकाने पर पहुंचा दिया गया.
Source : News Nation Bureau