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पिता की गलती से गलत सेंटर पर पहुंची छात्रा, पुलिस अधिकारी ने सही केंद्र पर पहुंचाया, वीडियो वायरल

एक छात्रा सही परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचकर गलत केंद्र पर पहुंच गई. जब वहां पर उसने अपना रोल नंबर मिलाया तो रोल नंबर नहीं मिल पाया. तब लड़की को एहसास हुआ कि वह गलत एग्जाम सेंटर पहुंच गई है.

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Prashant Jha
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Gujarat police( Photo Credit : सोशल मीडिया)

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परीक्षा के नाम आते ही स्टूडेंट्स वैसे ही डरे रहते हैं और ऊपर से अगर कोई छात्र गलत परीक्षा सेंटर पर पहुंच जाए तब तो उसपर मुसीबत का पहाड़ ही टूट जाता है. जी हां गुजरात में ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है. एक छात्रा सही परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचकर गलत केंद्र पर पहुंच गई. जब वहां पर उसने अपना रोल नंबर मिलाया तो रोल नंबर नहीं मिल पाया. तब लड़की को एहसास हुआ कि वह गलत एग्जाम सेंटर पहुंच गई है. पुलिस अधिकारी ने छात्रा को करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित उसे सही सेंटर पहुंचाया. तब जाकर लड़की परीक्षा दे पाई. गुजरात बोर्ड की परीक्षा के पहले दिन भुज जिले में कुछ ऐसा हुआ. इसकी चर्चा अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. 

दरअसल, परीक्षा के पहले दिन छात्रा अपने पिता के साथ घर से परीक्षा केंद्र के लिए निकली, लेकिन पिता ने बेटी को दूसरे परीक्षा केंद्र पर ड्रॉप कर चले गए. लड़की सेंटर के अंदर पहुंची और अपना रोल नंबर खोजती रही. लड़की उसके बाद बाहर आकर इधर उधर घूमती रही. इसी दौरान परीक्षा केंद्र पर तैनात एक पुलिस इस्पेक्टर ने नजर उस लड़की पर पड़ी. लड़की ने इंस्पेक्टर से पूरी बात बताई, जिसके बाद इंस्पेक्टर ने बिना किसी देरी के छात्रा को अपनी गाड़ी पर बैठाया और 20 किमी की दूरी पर स्थित सही एग्जाम सेंटर पर पहुंचा दिया. 

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20 किमी दूर स्थित परीक्षा केंद्र पर पुलिस अधिकारी ने पहुंचाया

छात्रा को परीक्षा में हो रही देरी को लेकर अपनी गाड़ी और लाइट के साथ हूटर का प्रयोग किया और 15 मिनट में 20 किमी की दूरी का सफर तय कर सही सलामत परीक्षा केंद्र पर पहुंचा दिया. पुलिस इंस्पेक्टर का नाम जेवी धोला है. जो भुज ए डिवीजन के पीआई हैं. पुलिस इंस्पेक्टर की मदद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.  यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी तक पहुंचा तो उन्होंने भी ट्विवटर पर हैट्स ऑफ लिखकर प्रशंसा की पूल बांध दी.


क्या था पूरा मामला?
गुजरात के कच्छ जिले के गांधीधाम की रहने वाली निशा जयंतीभाई सवानी 10वीं बोर्ड के पहले दिन परीक्षा देने के लिए भुज पहुंची थी. निशा के पिता ने उसे भुज के मातृछाया स्कूल में उतार दिया, लेकिन निशा का यह सेंटर नहीं था. निशा मातृछाया स्कूल में रोल नंबर ढूंढने लगी पर उसका वह सेंटर नहीं थी. निशा परीक्षा को लेकर परेशान होने लगी जिसके बाद वहां पर तैनात पीआई जेपी धोला आगे आए और उसे सही परीक्षा केंद्र पर पहुंचाया.

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