PM Modi का G-7 में जलवा... बाइडन को हाथ मिलाने रोकना पड़ा पीएम को

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी और ट्रूडो आपस में किसी मसले पर बात कर रहे थे. पीछे से जो बाइडन अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को नजरअंदाज कर उनकी तरफ बढ़ते हैं.

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Nihar Saxena
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PM Narendra Modi जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए हैं जर्मनी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कांग्रेस समेत शेष विपक्ष भले ही मोदी सरकार को विदेश और कूटनीति पर घेरता रहे, लेकिन यह सच है कि सशक्त और आत्मनिर्भर होते भारत को नजरअंदाज करने की हिमाकत आज कोई भी देश नहीं कर सकता है. इसे रूस-यूक्रेन युद्ध से खासतौर पर समझा जा सकता है, जब अमेरिका के प्रतिबंधों के दबावों के बावजूद पीएम मोदी हर अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर व्लादिमीर पुतिन के साथ ही खड़े नजर आए. अब पीएम नरेंद्र मोदी के बड़े कद का अंदाजा जर्मनी में हो रही जी-7 बैठक के कुछ दृश्यों से लगाया जा सकता है. सोमवार को ही पीएम मोदी कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से बात कर रहे थे. उसी वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पीछे से उनके कंधे पर हाथ रखा पीएम मोदी का ध्यान अपनी ओर खींचा.

रूस के खिलाफ नहीं गया भारत
जी-7 वह समूह है जिसके सबसे अमीर सात देश सदस्य हैं. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी और ट्रूडो आपस में किसी मसले पर बात कर रहे थे. पीछे से जो बाइडन अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को नजरअंदाज कर उनकी तरफ बढ़ते हैं. इसके बाद कंधे पर हाथ रखकर पीएम मोदी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. पीएम मोदी मुड़ कर देखते हैं और फिर गर्मजोशी से हाथ मिला उनके कंधे पर भी हाथ रखते हैं. यह है पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती साख. गौरतलब है कि रूस-यक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत ने अपने पुरातन दोस्त रूस का ख्याल रखा. संयुक्त राष्ट्र से लेकर अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत रूस की सीधे-सीधे निंदा करने से बचा. साथ ही रूस से तेल के साथ-साथ आधुनिक हथियारों की खरीद-फरोख्त भी कर रहा है. 

इमरान का हश्र भी देख लें
गौरतलब है कि कोरोना काल से लेकर कई मोर्चों पर भारत के बढ़ते कदमों का वैश्विक समुदाय ने जमकर सराहा है. अब रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत ने जहां परंपरागत दोस्त रूस से दोस्ती निभाई, दूसरी तरफ सामरिक साझेदार अमेरिका को भी साधे रखा. यह भारत की कूटनीति ही थी कि रूस के खिलाफ नाटो समेत अन्य पश्चिमी देशों के कड़े रुख के बावजूद कोई भी दवाब भारत पर काम नहीं आया. इसके उलट रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ही कई शक्तिशाली देशों के नेता भारत दौरे पर आए और द्विपक्षीय समझौते करके गए. भारत के कद को इससे भी समझा जा सकता है कि यूक्रेन पर थोपे गए युद्ध के दिन ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान मॉस्को पहुंचे थे. उसके बाद उनका हश्र पूरी दुनिया ने देखा है.

HIGHLIGHTS

  • पीएम मोदी किसी मसले पर ट्रूडो से कर रहे थे बात
  • पीछे से बाइडन ने कंधे पर हाथ रख खींचा ध्यान
  • फिर गर्मजोशी से मिले बाइडन-मोदी
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