पीरियड्स आ गया है, अरे उसे रसोई से बाहर रहने दो. पीरियड्स चल रहा है, वह पूजा कैसे कर सकती है? ये कुछ ऐसे वाक्य थे, जो पहले काफी सुनने को मिलते थे, लेकिन आज समय के साथ चीजें बदल गई हैं. तथाकथित रीति-रिवाजों ने महिलाओं के ऊपर खूब अत्याचार किया है. अब लोग पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करते हैं. एक समय इसे गलत नजर से देखा जाता था, लेकिन आज लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है.
आप समझ सकते हैं कि पीरियड्स महिलाओं की जिंदगी का एक अहस हिस्सा है. मासिक धर्म के दर्द को महिलाओं से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. अब लोग इसे लेकर हिचकते नहीं हैं और सभ्य समाज में ऐसा ही होना चाहिए. हर किसी को ऐसी चीजों पर बात करनी चाहिए जो वास्तव में समाज के किसी भी वर्ग के लिए बंधनकारी हैं.'
केक काटकर पहले पीरियड्स को मनाया
आज हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. ये खबर भी पीरियड्स से जुड़ी है. अगर हम आपसे कहें कि माता-पिता ने अपनी बेटी के पहले मासिक धर्म का जश्न मनाया है तो क्या आप विश्वास करेंगे? आज भी लोग पीरियड्स के बारे में बात करने से कतराते हैं, लेकिन इस माता-पिता ने समाज को एक नई राह दिखाई है, जो वाकई काबिले तारीफ है. आपको बता दें कि उत्तराखंड के एक माता-पिता ने अपनी बेटी के पहले पीरियड्स का जश्न केक काटकर मनाया है. बड़ी प्यारी बात है कि इस जश्न में कई लोग भी शामिल हुए हैं.
आखिर पिता ने ऐसा क्यों किया?
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में एक परिवार ने अपनी बेटी के पहले पीरियड्स का जश्न केक काटकर मनाया. उधम सिंह नगर के काशीपुर शहर के निवासी जितेंद्र भट्ट ने समाज को यह संदेश देने के लिए अपनी बेटी के पहले मासिक धर्म का जश्न मनाने के लिए अपने घर को गुब्बारों से सजाया कि "मासिक धर्म दुनिया में सबसे पवित्र धर्म है" इस पहले की तारीफ सभी कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau