मकोका आरोपी शहाबुद्दीन उर्फ बाबू चड्डी मुन्वरअली इद्रिसी को जेल से बाहर आने पर जश्न मनाना महंगा पड़ गया. आरोपी पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वहीं आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार है. दरअसल, शहाबुद्दीन जमानत पर जेल से बाहर आया था, जिसके बाद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए उसका स्वागत किया था. बता दें कि साल 2017 से यह वांटेड था और शिवाजी नगर पुलिस ने पिछले साल ही इसे मकोका के तहत गिरफ्तार किया था. हाल ही में उसे जमानत मिली और जैसे ही वो अपने इलाके मे पहुंचा आरोपी के समर्थकों ने माला के साथ उसका स्वागत किया और कंधे पर उठाकर ओपेन जीप मे बैठाया
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन पर करीब 25 मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या की कोशिश, हफ्तावसूली , और मरामारी जैसे गंभीर मामले हैं. मुंबई पुलिस अब उसे तड़ीपार करने की करवाई कर रही है.
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सूरत में भी ऐसा मामला आ चुका है सामने
जमानत पर जेल से रिहा होने वाले एक शातिर को डीजे पर गाने बजा कर जश्न मनाना महंगा पड़ गया. सचिन पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर पासा के तहत उसे फिर जेल भेज दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमरोली पुलिस ने दीपक गढ़वी नाम के व्यक्ति की हत्या के मामले में कुछ समय पहले कोसाड़ आवास क्षेत्र के शातिर अमित राजपूत उर्फ लालू जालिम को गिरफ्तार कर लाजपोर जेल भेज दिया था. जमानत मिलने पर मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे उसे जेल से रिहा किया गया. उसके सात-आठ गुर्गे रिहाई का जश्न मनाने डीजे लेकर लाजपोर जेल पहुंच गए.
उन्होंने डीजे पर गाने बजाए और जेल से बाहर निकले लालू का फूल मालाओं से स्वागत कर नाचते-गाते उसे अमरोली कोसाड़ आवास ले गए. जेल के बाहर बिना अनुमति डीजे बजाने के बारे में लाजपोर जेल प्रशासन से खबर मिलने पर सचिन पुलिस ने बिना अनुमति डीजे का उपयोग करने और जेल के बाहर हुड़दंग मचाने के संदर्भ में मामला दर्ज किया.