अक्सर फिजूलखर्ची करने वाले लोगों के घरवाले ताने कसते हुए कहते हैं कि तुम्हारे पिता जी का पैसों का पेड़ नहीं है. लेकिन क्या वाकई पैसों का पेड़ होता है? सीतापुर में एक ऐसा पेड़ मिला जिससे नोट सूखे पत्तों की तरह झड़ रहे थे. दरअसल, मंगलवार को दोपहर में सीतापुर विकास भवन के पास स्थित रजिस्ट्री कार्यालय के पास एक पेड़ से अचानक 500 रुपये के नोट गिरने लगे. जिसे देखकर लोग हैरान रह गए. लेकिन ऊपर देखने पर पता चला कि एक बंदर 500 रुपये के नोटों की बारिश कर रहा था.
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अब बताते हैं कि असल में हुआ क्या था. खैराबाद के कासिमपुर में रहने वाले एक बुजुर्ग ने जमीन बेचकर 4 लाख रुपये कमाए थे. उस बंदर ने खाने के सामान का पैकेट समझकर बुजुर्ग आदमी से वो पैकेट छीन लिया और एक पेड़ पर चढ़ गया. आस-पास के लोगों ने बंदर से नोटों की गड्डियां छुड़ाने की कोशिश की. बंदर ने हड़बड़ाहट में नोटों को फाड़ना शुरु कर दिया. इसके बाद 2 लोगों ने डंडा लेकर बंदर को डराने की कोशिश की. जिसके बाद अंतत: वह बंदर गड्डी छोड़कर भाग गया.
सारे नोट मिल तो गए लेकिन गिनने पर पता चला कि करीब 13 हजार रुपये के नोट फट गए थे. बुजुर्ग ने अपने बेटे के इलाज के लिए गांव के एक शख्स को जमीन बेची और उसे बदले में लाखों रुपये मिले. धनराशि को बैग में रखते समय बंदर आ गया और फिर पूरी घटना को अंजाम दिया.
Source : News Nation Bureau