यूं तो दुनिया अजीबोगरीब घटनाओं से भरी पड़ी है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताएंगे जिसको सुनकर आप न केवल हैरान रह जाएंगे बल्कि सोचने पर भी मजबूर हो जाएंगे. दरअसल, एक लड़की ने अपने जन्म के 20 साल बाद अपनी मां की डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर पर मुकदमा ठोक दिया. लड़की ने इस मामले में कोर्ट से जुर्माना दिए जाने की भी मांग की. यही नहीं कोर्ट ने भी सारे तथ्यों पर गौर करते हुए लड़की के समर्थन में फैसला सुना दिया और डॉक्टर को हर्जाना भरने का आदेश दिया. कोर्ट का यह फैसला अब पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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दरअसल, यह घटना ब्रिटेन की है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एवी टूम्ब्स नाम की यह लड़की जन्म से ही लिपोमाइलोमेनिंगोसेले नाम की एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थी. डॉक्टरों की मानें तो लिपोमाइलोमेनिंगोसेले एक तरह की दिव्यांगता है. मेडिकल साइंस में इसको स्पाइना बिफिडा भी कहा जाता है. लड़की ने अपनी इसी बीमारी के कारण डॉक्टर पर केस दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया गया कि टूम्ब्स का जन्म 2001 में हुआ था. उसका आरोप है कि उनकी मां की डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर अगर चाहते तो उसका जन्म होने से रोक सकते थे. क्योंकि डॉक्टर को इस बात की जानकारी थी कि उसकी मां के पेट में पल रहा बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है. आरोप है कि इतना सबकुछ पता होने के बावजूद भी डॉक्टरों ने उसकी मां को सही सलाह नहीं दी. इस क्रम में लड़की कोर्ट में डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज कराया. मुकदमें में लड़की ने उसकी मां को सही सलाह न देने का आरोप लगाया.
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लड़की का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण ही उसने इस बीमारी के साथ जन्म लिया. क्योंकि अगर उन्होंने उसकी मां को उस समय सही दवा लेने की सलाह दी होती जब वह पेट में थी तो वह अन्य लोगों की तरह सामान्य जीवन जी रही होती. लड़की ने इसको लेकर कोर्ट के माध्यम से हर्जाना मांगा है. लंदन हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए डॉक्टर को जुर्माना भरने का फैसला सुनाया.
Source : News Nation Bureau