मदद करना और समय पर मदद करना किसी की जिंदगी में, सोच में और उसके बर्ताव में बदलाव ला देता है. अमूमन समाज में हर रोज हम कहीं न कहीं ऐसा सुनते हैं कि फलां ने समय में उसकी सहायता की और उसकी जिंदगी बच गई. इसका असर कुछ ऐसा होता है कि पूरा परिवार ऐसे व्यक्ति का कृतज्ञ हो जाता है. वहीं, ऐसा भी होता है कि सैकड़ों लोग सड़क पर दुर्घटना में घायल व्यक्ति को कराहते देखकर पर भी बगल से निकल जाते हैं और मदद को कोई एक हाथ भी नहीं आता है. ऐसे दृश्य सालों तक कई बार बगल से गुजर जाने वाले को भी सालते रहते हैं तो कई बार इस घटना को जानकर, मीडिया में, अखबार में ऐसी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद कई लोग उस कालचक्र में स्वयं को महीनों तक फंसा महसूस करते हैं और यही सोचते हैं काश मैं उस समय वहां होता. लेकिन हकीकत यही है कि जब किसी को मदद की दरकार हो तभी मदद मिले तो बेहतर होता है.
ऐसे में गुजरात की एक घटना का स्मरण होना लाजमी में जाता है जहां एक युवक को दो लोगों ने चाकू से गोदकर लहूलुहान कर दिया था और यह वारदात करीब दो साल पहले की है लेकिन आज भी जहन में जिंदा है. सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल था और लोग बगल से निकल गए. कोई युवक को अस्पताल नहीं ले गया. युवक ने करीब चार घंटे बाद सड़क किनारे दम तोड़ दिया. हृदयविदारक दृश्य ने लाखों लोगों को आसपास से गुजर रहे लोगों की संवदेनहीनता से परेशानी हुई और इसका कोई हल समाधान नहीं रहा है.
लेकिन आज फिर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहा है जिसे देखकर सुखद अनुभूति होती है. एक कछुआ किसी वजह से पलट जाता है और लंबा प्रयास करने के बाद भी वह अपने को सीधा नहीं कर पाता है. वहीं, एक दूसरा कछुआ आता है. वह आकार में उल्टे पड़े कछुए से काफी छोटा है, लेकिन दृढ़संकल्पित है. उसकी इसी खूबसूरत खूबी और हौसले से वह एक बाद तबीयत से जोर लगाकर अपने से दोगुने आकार कछुए को सीधा कर देता है. इस वीडियो को आईएएस सुप्रिया साहू ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है.
जंगल के एक दृश्य को देखकर इंसानों को भी यह सोचना चाहिए कि अगर समय पर किसी जरूरतमंद की मदद हो जाती है तो जिंदगी बच जाती है. जानवर अगर इतना संवेदनशील है तो इंसान क्यों नहीं...
Source : News Nation Bureau