भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खाए जा रहा है. कहा जाता है कि यहां बगैर धूस दिए कोई काम नहीं होता. यहां उसका काम पहले होता है जिसकी जेब में ज्यादा पैसे उसका काम सबसे पहले. तो प्रयागराज में इन दिनों यही खेल खेला जा रहा है. घूस तो नौकरी लो. जी हां सही सुना आपने. दरअसल, इन दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नौकरी के नाम पर घूस मांगने का सनसनीखेज वीडियो वायरल हो रहा है. यहां भर्ती कराने वाली एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा नौकरी के लिए घूस मांग रहे हैं.
दरअसल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में माली और स्वीपर जैसे पदों के लिए 40-40 हजार रूपए घूस मांगने का मामला सामने आया है. घूस मांगने का वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में दो करोड़ रूपए देकर भर्ती का टेण्डर मिलने की बात कही जा रही है. दावा है की दो करोड़ रूपए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को दिए गए है.
एजेंसी कर्मी के मुताबिक़ दो करोड़ देने के बाद ही एजेंसी को भर्ती कराने का टेण्डर मिला है. दो करोड़ रूपए की भरपाई के लिए आवेदकों से पैसा लिया जा रहा है. माली और स्वीपर जैसे पदों के लिए आवेदन करने वालों को 40-40 हजार रूपए देने होंगें. 25 हजार रूपए एडवांस में देने के बाद ही आवेदकों का नाम एजेंसी ऊपर यानी चयन के लिए भेजेगी.
वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नौकरी के नाम पर घूस मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रो. जया चंद्रा कपूर ने सफाई दी हैं.उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के जरिए विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों के लिए भर्ती का ई टेण्डर जारी किया गया. पूरी पारदर्शिता और सरकारी नियमों का पालन करके ही भर्ती के लिए ई टेण्डर दिए गए है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रो. जया चंद्रा कपूर ने वायरल वीडियो को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया. कहा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति और कुलसचिव की छवि को धूमिल करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल करने वालों पर विधिक कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नौकरी के नाम पर घूस मांगने का वीडियो वायरल
- वीडियो वायरल में भर्ती कराने वाली एजेंसी नौकरी के लिए घूस मांग रही है
- माली और स्वीपर जैसे पदों के लिए 40-40 हजार रूपए मांगे जा रहे है