सोशल मीडिया पर आजकल एक 'डिजिटल भिखारी' का वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक नेत्रहीन युवक गले में क्यूआर कोड लटकाए भीख मांगते नजर आ रहा है. वायरल हो रहा ये वीडियो असम के गुवाहाटी का बताया जा रहा है, जिसमें नजर आ रहे भिखारी की पहचान दशरथ के तौर पर हुई है. इस वीडियो की शुरुआत में भीखारी एक में सवार दो युवकों के पास पहुंचता है, इसके बाद उनमें से एक उस भीखारी को ₹10 भेजने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करता है. इसके बाद वो भिखारी अपने फोन को कान के पास लाता है, ताकि प्राप्त पैसे खाते में जमा होने की सूचना सून सके.
टेक्नोलॉजी की कोई सीमा नहीं
गौरतलब है कि, इस वीडियो को कांग्रेस नेता गौरव सोमानी ने एक्स पर शेयर किया है, जिसके साथ ही उन्होंने कैप्शन लिखा- ''thought provoking moment.'' इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि, ''गुवाहाटी की हलचल में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला - एक भिखारी PhonePe के जरिए डिजिटल लेनदेन की सहायता से पैसों की मदद मांग रहा था. टेक्नोलॉजी की वास्तव में कोई सीमा नहीं होती. ये प्रमाण है सामाजिक-आर्थिक स्थिति की बाधाओं को भी पार करने की शक्ति का. आइए मानवता और डिजिटल उन्नति के इस दिलचस्प अंतर्संबंध पर विचार करें.''
कई लोग मांग रहे डिजिटल भीख
ज्ञात हो कि, ये कोई पहली बार नहीं है जब कोई भिखारी डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करते नजर आया हो, इससे पहले, बिहार के एक 40 वर्षीय व्यक्ति को गले में क्यूआर कोड प्लेकार्ड और एक डिजिटल टैबलेट के साथ बेतिया रेलवे स्टेशन पर लोगों को डिजिटल मोड के माध्यम से भीख मांगते देखा गया था.
खुद को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का अनुयायी बताने वाले इस डिजिटल भिखारी राजू पटेल ने कहा कि, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान से प्रेरित हैं. डिजिटल भिखारी ने कहा कि, वह पीएम मोदी के 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम को सुनना कभी नहीं भूलते. वहीं नई दिल्ली में, 29 साल के ट्रांसवुमन आयशा शर्मा भी यूपीआई भुगतान ऐप्स के माध्यम से पैसे स्वीकार कर रही हैं.
Source : News Nation Bureau