सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक को गांव के लोग आतंकी समझकर घेर लेते हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि युवक खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि गांव के लोग उसे संदेह की नजर से देख रहे हैं. युवक की स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब गांव वालों को उसके बैग पर शक हो जाता है और वे उसे बैग खोलने के लिए दबाव डालते हैं.
युवक को समझा आतंकी
वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक लगातार अपना परिचय दे रहा है और अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल का हवाला दे रहा है. युवक कहता है, "मेरे इंस्टाग्राम को देख लीजिए, उस पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. मैं पिछले 2.5 सालों से वीडियो बना रहा हूं." इसके बावजूद ग्रामीण उसकी बात पर विश्वास नहीं कर रहे हैं और उससे बैग खोलने की मांग कर रहे हैं.
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बैग खोलकर दिखाने में टाइम लगेगा
युवक बार-बार कहता है कि बैग खोलने में समय लगेगा और वह यह कार्य पुलिस के आने पर ही करेगा. उसका यह कहना ग्रामीणों के संदेह को और गहरा कर देता है. ग्रामीण उसे घेरे हुए हैं और स्थिति धीरे-धीरे तनावपूर्ण हो रही है. वीडियो में यह भी साफ देखा जा सकता है कि युवक खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश में बार-बार अपने सोशल मीडिया फॉलोअर्स की संख्या बता रहा है, ताकि लोग उसे पहचान सकें. लेकिन, ग्रामीण उसके इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हो रहे.
वीडियो देख लोगों ने क्या कहा?
यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो पर लोगों के मिलेजुले रिएक्शन आ रहे हैं. कई लोग युवक की स्थिति को देखकर चिंता जाहिर कर रहे हैं, तो कुछ लोग ग्रामीणों की सजगता की सराहना कर रहे हैं. हालांकि, वीडियो में यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटना किस गांव की है और युवक को आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप से कोई राहत मिली या नहीं. लेकिन इस घटना ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या सोशल मीडिया की पहचान वास्तविक जीवन में भी मान्यता प्राप्त हो सकती है, या किसी को केवल इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के आधार पर पहचाना जा सकता है.