एक्सपर्ट के मुताबिक स्ट्रेस की वजह से बाल झड़ सकते हैं. स्ट्रेस का असर, हेयर ग्रोथ साइकिल पर होता है. हेयर ग्रोथ साइकिल के तीन चरण होते हैं. इनमें ग्रोथ, रेस्ट और शेडिंग शामिल है.
लंबे वक्त से तनाव में हैं, तो इसकी वजह से हेयर फॉलिकल्स, शेडिंग फेज में चले जाते हैं. इसके कारण बाल पतले होने लगते हैं और हेयरफॉल बढ़ने लगता है. इस कंडीशन को टेलोजन एफ्लुवियम कहा जाता है.
स्ट्पेस की वजह से एलोपेसिया एरीटा भी बढ़ सकता है. इसे आम भाषा में गंजापन कहा जाता है. इसकी वजह से बॉडी का इम्यून सिस्टम, हेयर फॉलिकल्स पर हमला करता है और हेयर लॉस होने लगता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि इस कंडीशन का कारण, पूरी तरह से स्ट्रेस को नहीं कहा जा सकता है. लेकिन, तनाव इसे बढ़ाने में और इसे और खराब करने में अहम भूमिका निभा सकता है.
तनाव का असर, व्यक्ति के खान-पान पर होता है. इसकी वजह से नींद आने में भी मुश्किल होती है. इसका असर भी बालों की ग्रोथ पर होता है.
जब शरीर तनाव में होता है, तो शरीर, न्यूट्रिएंट्स और एनर्जी को कम जरूरी फंक्शन्स जैसे बालों की ग्रोथ से हटा देता है. इसे कारण भी बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं.
आमतौर पर स्ट्रेस की वजह से होने वाला हेयरफॉल अस्थायी होता है. लेकिन, स्ट्रेस को मैनेज करना जरूरी है.
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