उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के रामग्राम क्षेत्र में एक स्कूल निर्माण कार्य के दौरान उस समय सनसनी फैल गई जब जेसीबी से खुदाई करते समय प्राचीन सिक्के मिलने का दावा किया गया. यह घटना कस्तूरबा गांधी विद्यालय के निर्माण के दौरान घटी, जब जेसीबी चालक को खुदाई के दौरान एक मटका मिला. मटके के अंदर कई प्राचीन सिक्के पाए गए, जो तुरंत ही चर्चा का विषय बन गए.
कितनी हो सकती है कीमत?
जैसे ही जेसीबी चालक ने सिक्कों को देखा, स्थानीय लोगों के बीच इसे लेकर अफरा-तफरी मच गई और सिक्कों की कथित रूप से आपस में बंदरबाट शुरू हो गई. सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें लोग इन सिक्कों को प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व का बता रहे हैं. हालांकि, अब तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये सिक्के किस युग के हैं और उनकी असली ऐतिहासिक कीमत क्या है?
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जेसीबी ड्राइवर बोल रहा है झुठ
घटना के बाद सिक्कों को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं, क्योंकि इस प्रकार के प्राचीन वस्त्रों की खोज ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है. जब जेसीबी चालक से इस मामले में सवाल किया गया, तो उसने चौंकाने वाला बयान दिया. चालक ने बताया कि खुदाई के दौरान मिले सिक्के उसने पास की तालाब में फेंक दिए. यह बयान सुनकर स्थानीय लोग और अधिक चकित हो गए. गांव के लोग दावा कर रहे हैं कि सिक्के ड्राइवर ने छिपा दिए हैं.
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सिक्कों पर बनाई गई हैं कलाकृति
इसके अवाला दावा किया जा रहा है कि सिक्के पर कुछ विशेष कलाकृतियां उकेरी गई थीं, जो इसे प्राचीन और दुर्लभ बनाती हैं. स्थानीय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सिक्के प्राचीन युग के साबित होते हैं, तो वे ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं.
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