कितने तरह के होते हैं श्राद्ध, यहां जानें!

नित्य श्राद्ध - कोई भी व्यक्ति अन्न, जल, दूध, कुशा, पुष्प व फल से प्रतिदिन श्राद्ध करके अपने पितरों को प्रसन्न कर सकता है.

नैमित्तक श्राद्ध - यह श्राद्ध खास अवसर पर किया जाता है. इसमें विश्वदेवा की पूजा नहीं की जाती है, केवल मात्र एक पिण्डदान दिया जाता है.

काम्य श्राद्ध - किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है. अमूमन लोग इस श्राद्ध को मोक्ष, संतान प्राप्ति, धन आदि के लिए करते हैं.

पार्वण श्राद्ध- किसी पर्व जैसे पितृ पक्ष, अमावस्या या पितरों को मृत्यु की तिथि आदि पर किया जाने वाला श्राद्ध पार्वण श्राद्ध कहलाता है.

गोष्ठी श्राद्धः गोष्ठी अर्थ समूह होता है, इसलिए यह श्राद्ध सामूहिक रूप से किए जाते हैं. जिसमें परिवार के सभी लोग एकत्र हों.

कर्मांग श्राद्ध - इस श्राद्ध को सनातन परंपरा में किए जाने वाले 16 संस्कारों के दौरान किया जाता है.

पुष्टयर्थ श्राद्ध - शारीरिक और आर्थिक उन्नति के लिए ये श्राद्ध किया जाता है.

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