PM Modi at 19th East Asia Summit: (रिपोर्ट- मधुरेंद्र) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने वैश्विक सुरक्षा और तकनीकी समृद्धि के लिए साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष क्षेत्रों में आपसी सहयोग को अनिवार्य बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "आज की दुनिया में इन क्षेत्रों में मिलकर काम करना ही होगा." उन्होंने यह भी कहा कि इन तीनों क्षेत्रों में देशों के बीच सहयोग से न केवल सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि तकनीकी विकास और वैश्विक शांति को भी बल मिलेगा.
बता दें कि साइबर हमलों, समुद्री सुरक्षा में बढ़ती चुनौतियों और अंतरिक्ष में चल रही वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान वैश्विक मुद्दों को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि साइबर और समुद्री सुरक्षा अब केवल राष्ट्रीय नहीं बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी हैं, जिन पर सभी देशों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है.
ये भी पढ़ें: PM मोदी ने जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को किया याद, उनकी जयंती के मौके पर दी श्रद्धांजली
नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार और उच्च शिक्षा में सहयोग
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो भारत की पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दी गई प्रतिबद्धता का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि इस वर्ष जून में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया गया, जो भारत की वैश्विक शैक्षिक दृष्टिकोण का प्रतीक है.
ये भी पढ़ें: ASEAN-India Summit में पीएम मोदी, चीन के खिलाफ हो गया बड़ा खेला, साउथ चाइना सी को लेकर उठाया ये बड़ा कदम!
इसके साथ ही, उन्होंने सम्मेलन में शामिल देशों को नालंदा में होने वाले उच्च शिक्षा प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. बता दें कि पीएम मोदी की ये पहल न केवल एशियाई देशों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करती है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी दुनिया के सामने फिर से स्थापित करती है.
भारत की एक्ट ईस्ट नीति और क्षेत्रीय कूटनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया. इस नीति के तहत भारत एशियाई देशों के साथ कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए लाओस के प्रधानमंत्री सिपानदोन को बधाई दी और आगामी चेयर मलेशिया को शुभकामनाएं दीं. इसके साथ ही पीएम मोदी ने उन्हें भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. पीएम मोदी का यह संबोधन भारत की वैश्विक और क्षेत्रीय रणनीतियों का स्पष्ट संकेत देता है, जिसमें भारत वैश्विक और एशियाई क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
ये भी पढ़ें: Weather Update: मुंबई में आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश ने मचाया हाहाकार, IMD ने कई राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट