भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है. इसके तहत सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी पर लगाम लगाई जाएगी. समझौते के तहत दोनों एक-दूसरे को उनकी पौराणिक वस्तुएं लौटाएंगे. समझौते के तहत अमेरिका 297 भारतीय ऐतिहासिक वस्तुएं भारत को लौटाएगा. संस्कृति मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. नई दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति की बैठक हो रही है. भारत के केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन और अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस दौरान मौजूद थे. उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य समझौता है. समझौते के कारण भारतीय ऐहितासिक कलाकृतियों को भारत लाने में सहायता मिलेगी. भारत की 297 ऐतिहासिक चीजें अमेरिका से लौटेंगी. इस समझौते से ऐतिहासिक वस्तुओं के अवैध तस्करी पर लगाम लगाई जाएगी.
अमेरिकी राजदूत ने जताई खुशी
अमेरिकी दूतावास ने समझौते पर खुशी जताई है. दूतावास का कहना है कि सांस्कृतिक संपत्तियों को साझा करने वाले अमेरिका के 29 साझेदारों में अब भारत भी शामिल हो गया है. दूतावास ने आहगे कहा कि इस समझौते में दो बातों का खास ख्याल रखा गया है. पहला- भारत को उसकी पौराणिक वस्तुएं लौटाईं जाएं और दूसरा- इस समझौते के माध्यम भारत दुनिया से और अधिक जुड़ेगा. भारत में पदस्थ अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत की संस्कृति का मतलब- मानव जाति की संस्कृति से रूबरू होना है. अमेरिका और विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को इस संस्कृति को महसूस करना चाहिए.