बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी है. हिंसा में अब तक 440 लोगों की मौत हो गई है. शेख हसीना के भारत छोड़ने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. बांग्लादेशी सेना हिंसा को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.
बांग्लादेशी मीडिया की मानें तो पुलिस और सेना के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं, जिससे स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रित हो रही है. बांग्लादेश में सभी विद्यालय बंद हैं. सोमवार को ढाका में हिंसा को काफी हद तक काबू में कर लिया गया है. ढाका की सड़कों पर यातायात का संचालन भी शुरू हो गया है. ढाका में दुकानें भी खुलने लगी हैं. सरकारी कार्यालय भी खुलने लगे हैं.
हिंसा में इतने लोगों की मौत
सोमवार को हिंसा में ढाका सहित पूरे देश में 109 लोगों की मौत हुई. रविवार को हिंसा में 114 लोगों की मौत हुई थी. 16 जुलाई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 109 लोगों की मौत हुई है. जुलाई में हिंसा के दौरान 200 लोगों की मौत हो गई थी.
सोमवार को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक ढाका मेडिकल कॉलेज में 37 शवों को लाया गया था. साथ ही 500 घायल भी यहां आए थे. शेख हसीना के भारत छोड़ते ही देश में हिंसा भड़क गई थी. लोग प्रधानमंत्री आवास में भी घुस गए थे. वे लोग वहां मौजूद वस्तुओं को अपने साथ ले गए. शेख हसीना के निजी आवास को भी तहस-नहस कर दिया गया. शेख हसीना की पार्टी के नेताओं के घरों पर भी हमला किया गया.
कई हिंदू घरों को जलाया
हिंदुओं को वहां रहना दूभर हो गया है. 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारों को निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार शाम तेलीपारा गांव में रहने वाले पूजा उद्यापन परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर पर प्रदर्शनकारियों ने खूब तोड़फोड़ की और लूटपाट की. प्रदर्शनकारियों ने परिषद के नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकानों में भी लूटपाट की. कालीगंज उपजिले के चंद्रपुर गांव में भी हिंदू परिवारों को लूटा गया. पड़ोसी देश में हिंदुओं से इतनी नफरत है कि हाटीबंधा जिले के सरदुबी गांव में कल रात 12 हिंदुओं के घरों को फूंक दिया गया.