बांग्लादेश बाढ़ की मार झेल रहा है. बाढ़ की वजह से से देश में 58 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. करीब 5 लाख लोगों को शरणार्थी केंपों में रखा गया है. बाढ़ की वजह से 71 लोगों की मौत हुई है. इस बीच बांग्लादेश की मदद के लिए सिंगापुर सामने आया है. सिंगापुर ने वादा किया है कि वे बांग्लादेश को 83 लाख रुपये देंगे. यह रकम सिंगापुर रेड क्रॉस सोसाइटी की मदद से दी जाएगी. इसके अलावा, यूनिसेफ ने भी बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 300 करोड़ रुपये की मदद की मांग की है.
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बांग्लादेश में जिन इलाकों में बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वहां बीमरियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. बांग्लादेश में बाढ़ से 12 जिले प्रभावित हैं. दक्षिण-पूर्वी इलाके में बाढ़ में सैकड़ों घर डूब गए हैं.
बाढ़ के लिए बांग्लादेश ने भारत को माना जिम्मेदार
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं ने बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार माना है. बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा था कि भारत ने बिना चेतावनी के पानी छोड़ दिया है. भारत की हरकत अमानवीय है. बीएनपी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया कि भारत ने जानबूझकर त्रिपुरा की गोमती नदी पर बने डंबूर बांध का दरवाजा खोल दिया, जिससे देश भर में बाढ़ आ गई है. भारत को बांग्लादेशी लोगों की परवाह ही नहीं है.
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भारत ने कहा- हम बाढ़ के लिए जिम्मेदार नहीं
भारत के विदेश मंत्रालय नें बांग्लादेश के आरोपों को नकारा है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भारत बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है. बांग्लादेश में फैल रही अफवाह बिल्कुल सच नहीं है. मंत्रालय ने बताया कि भारत से बांग्लादेश जाने वाली गोमती नदी के आसपास के इलाकों में इस साल जमकर बारिश हुई है. इस वजह से दोनों ओर परेशानी हुई है. बाढ़ दोनों देशों की साझा समस्या है. इससे निपटने के लिए दोनों देशों को साथ काम करना होगा. मंत्रालय ने यह भी बताया कि बांध बांग्लादेश की सीमा ने 120 किलोमीटर दूर है. यह बिजली पैदा करने के काम आता है. बांग्लादेश को भी त्रिपुरा से 40 मेगावाट बिजली मिलती है.