ईरान और पाकिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों ने पाक-अफगान सीमा पर एक संयुक्त अभियान चलाया है. इसका लक्ष्य अफगान और ताजिक आतंकवादियों को निशाना बनाना था. ईरानी अफसरों का दावा है कि रसिक, चाबहार और परवाड़ इलाकों में चल जा रहे संयुक्त सैन्य अभियान में कम से कम 18 अफगान-ताजिक आत्मघाती हमलावार मारे गए. ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद पाकपुर ने कहा, आतंकवादी तेल टैंकर मालिकों के वेश में पाकिस्तान से ईरान में एंट्री मारी थी.
दूसरी ओर, कुछ रिपोर्टों में ऐसा कहा गया है कि मारे गए आतंकवादी तस्कर हैं. क्षेत्र और पाकिस्तान की सीमाओं पर उग्रवाद पर कड़ी नजर रखने वाले पाकिस्तान में मौजूद थिंक टैंक खुरासान डायरी का कहना है कि पाकिस्तान और ईरान का संयुक्त अभियान आतंकियों के खिलाफ नहीं, बल्कि तस्करों के खिलाफ था. थिंक टैंक ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से जानकारी सामने आती है. बलूचिस्तान में सीमा पर तस्करों के खिलाफ पाकिस्तान और ईरानी सीमाबलों के बीच एक संयुक्त अभियान चल रहा है. ईरान-पाक सीमा पर ताजा तनाव ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के इस्लामाबाद दौरे के कुछ ही दिनों देखा.
पाकिस्तान और ईरान दोनों के लिए एक साझा चुनौती है
यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवादियों और तस्करों की सीमा पार घुसपैठ के मामले से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. पाकिस्तानी विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार तथा उनके ईरानी समकक्ष ने इस गंभीर मामले को हल करने के लिए तुरंत आवश्यकता पर प्रकाश डाला. इस्लामाबाद में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान डार ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद पाकिस्तान और ईरान दोनों के लिए एक साझा चुनौती है. हम इन खतरों से निपटने में सहयोग करेंगे. दोनों पक्षों ने सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता की साझा चुनौतियों से निपटने को लेकर अपना सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई है.
पाकिस्तान-ईरान सीमा का उपयोग तस्करों और आतंकवादियों की ओर से घुसपैठ और अन्य गतिविधियों को लेकर किया जाता रहा है. इससे पहले ईरानी सीमा सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर भी इस तरह के अभियान चलाए हैं. वहीं इस्लामाबाद ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ईरानी क्षेत्र के अंदर हवाई हमले भी किए. हालिया संयुक्त अभियान सीएम सुरक्षा सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है.