बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीन ने चुप्पी तोड़ी है. हसीना ने हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. शेख हसीना ने 15 अगस्त, 1975 की दुखद घटनाओं को याद करते हुए कहा कि जब राष्ट्रपति और उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं परिवार में उनके भाइयों और चाचा और अन्य सदस्यों के साथ क्रूरता से हत्या की गई थी. उन्होंने बंगबंधु के प्रति सम्मान व्यक्त किया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
बता दें कि पिछले दिनों शेख हसीना के एक सहयोगी के हवाले से एक मीडिया हाउस ने खबर छापी थी कि शेख हसीना जल्द ही अपना देश लौटेंगी. सहयोगी ने बताया था कि उनकी बात शेख हसीना से हुई, इस दौरान हसीना ने कहा था कि हालात सामान्य होने के बाद वह जल्द ही अपना वतन लौंटेगी.
हिंसक प्रदर्शन में सैकड़ों निर्दोष लोगों की गई जान
बांग्लादेश में आरक्षण की आग जुलाई से धधक रही है. हिंसक प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों की जान जाने पर भी शेख हसीना ने अपनी संवेदना जताई. जिसमें छात्र, शिक्षक और पुलिसकर्मियों सहित कई निर्दोष लोगों की जान चली गई. अपना देश छोड़कर भारत में शरण लेने वाली शेख हसीना ने कहा कि देश में हिंसा और खूनखराबा करने वालों के खिलाफ अंतरिम सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है.
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शेख हसीना पर हत्या का केस दर्ज
बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ मंगलवार को हत्या का मामला दर्ज हुआ है. हिंसा के दौरान एक किराना दुकानदार की मौत को लेकर शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया गया है. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के अन्य नेताओं पर भी मामला दर्ज किया गया है.
युनूस ने संभाली अंतरिम सरकार की कमान
शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है. मुहम्मद युनूस के नेतृत्व में इंतरिम सरकार का गठन किया गया है.. यूनुस ने पिछले सप्ताह अपने 16-सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की.