इस साल की पहली छमाई भारत के लिए निर्यात क्षेत्र में बड़ी खुशखबरी लेकर आई है. जनवरी-जून के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड साझेदार बन चुका है. यह जानकारी एक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानि GTRI के डेटा से सामने आई है. हालांकि चिंता की बात ये है कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा काफी तेजी से बढ़ा है.
GTRI के मुताबिक, भारत ने जनवरी-जून 2024 के दौरान अमेरिका को 41.6 अरब डॉलर का निर्यात किया गया. यह एक साल पहले 37.7 अरब डॉलर से 10 फीसदा अधिक है. इसके बाद दोनों देशों का कुल व्यापार 59.4 अरब डॉलर बढ़ा है. यह 62.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यह 5.3 प्रतिशत है.
चीन को 8 अरब डॉलर का निर्यात किया
पहली छमाही की बात की जाए तो 2024 में देश का व्यापारिक निर्यात 5.41 फीसदी ज्यादा होकर 230.51 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इस दौरान भारत ने चीन के संग 41.6 अरब डॉलर का अपना उच्चतम व्यापार घाटा सामने रखा है. भारत ने जनवारी से जून 2024 तक चीन को करीब साढ़े 8 अरब डॉलर का निर्यात किया. वहीं आयात 46.2 अरब डॉलर से बढ़कर 50.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
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2024 की पहली छमाही के डेटा के अनुसार, भारत 239 देशों को माल निर्यात करता है. इसमें से 126 देशों को निर्यात बढ़ा है. देश जिनसे भारत का निर्यात बढ़ा है, उनमें अमेरिका, यूएई, नीदरलैंड, सिंगापुर और चीन शामिल हैं. यूएई को निर्यात में 25 फीसदी का उछाल देखा गया है. हालांकि 98 देशों के साथ निर्यात में गिरावट भी आई है. ये भारत के निर्यात का 24.6 प्रतिशत है. ये देश हैं इटली, बेल्जियम, नेपाल और हांगकांग. यहां सबसे अधिक गिरावट आई है.
इन सेक्टर्स में बढ़ा निर्यात
भारत को जिन उत्पादों के तहत निर्यात बढ़ाने में सफलता मिली है, उनमें है लौह अयस्क, फार्मास्युटिकल्स, कीमती पत्थर, बासमती चावल, केमिकल्स और स्मार्टफोन. विभिन्न सेक्टर्स की बात की जाए तो GTRI के डेटा के अनुसार, औद्योगिक उत्पाद ने 140.79 अरब डॉलर के साथ एक्सपोर्ट सेक्टर का नेतृत्व किया. यहां पर कुल निर्यात में हिस्सेदारी 61.1 फीसदी तक है. कृषि, मीट और प्रोसेस्ड फूड्स का आउटबाउंड शिपमेंट 2.58 फीसदी तक घटा. यह घटकर 26.06 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. सेवाओं के स्तर पर एक्सपोर्ट 6.9 फीसदी बढ़ा है. यह 178.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. वहीं आयात 5.79 फीसदी बढ़कर 95 अरब डॉलर पहुंच गया है.