Bangladesh Crisis: बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ भारत आ गई. वहीं अब लग रहा है कि शेख हसीना की वजह से भारत और बांग्लादेश की दोस्ती में दरार आ गई है. भारत में मौजूद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसकी वजह से बांग्लादेश नाराज नजर आ रहा है. दरअसल शेख हसीना के बयान पर मोहम्मद यूनुस की सरकार ने आपत्ति जताई है. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत में आने के बाद शेख हसीना ने एक बयान दिया था. शेख हसीना ने अपने बयान में अमेरिका पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार गिराने में अमेरिका का हाथ है.
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शेख हसीना ने दिया था यह बयान
बताया गया था कि शेख हसीना ने कहा था कि अगर वह सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग देती और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभुत्व कायम करने देती तो अब भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री होती. हालांकि उनके बेटे सजीव वाजेद जॉय ने इस तरह के बयान को खारिज किया था. एक दिन पहले ही सजीव वाजेद ने एक्स पर अपनी मां का एक बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के नाम संदेश दिया था. इसमें उन्होंने आवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर न्याय की मांग की है. वहीं बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त से विदेश सलाहकार की मुलाकात के दौरान शेख हसीना के बयान का मुद्दा उठा. शेख हसीना के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से कहा कि भारत से आने वाले पूर्व प्रधानमंत्री के ऐसे बयान बेहतर द्विपक्षीय मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त से शिष्टाचार भेट के बाद एक बयान में जानकारी दी.
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जानें क्या है पूरा मामला
बुधवार को ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से शिष्टाचार भेंट की थी. इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के साथ काम करने को इच्छुक हैं. विदेश मामलों के सलाहकार ने आने वाले दिनों में भारत के साथ अधिक जन केंद्रित जुड़ाव पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने विशेष रूप से सीमा पर हत्या को रोकने तीस्ता जल बंटवारे समझौते को पूरा करने और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया. सलाहकार ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं के बारे मीडिया पर अत्याधिक बढ़ा चढ़ाकर चलाए जा रहे अभियान का भी जिक्र किया.