Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल शेख हसीना बांग्लादेश में तख्तापलट के तुरंत बाद भारत में पनाह लेने पहुंच गई थी. तब से शेख हसीना यहीं पर डेरा डाले हुए हैं. हालांकि उन्हें यहां से ब्रिटेन या फिर किसी अरब देश में जाकर पनाह लेना है. बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद उन्होंने आनन-फानन में ढाका से उड़ान भरी और भारत के हिंडन एयरबेस पर पहुंचकर भारतीय आर्मी के घेरे में सुरक्षित लैंडिंग की. हालांकि अब शेख हसीना का भारत छोड़ना काफी मुश्किल हो गया है. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या है हुआ कि अब वह भारत से निकलने में काफी मुश्किलों का सामना कर सकती है.
शेख हसीना की कम नहीं हो रही मुश्किल
बांग्लादेशी पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रधानमंत्री पद गया, देश में बगावत हुई. पिता के नाम पर बांग्लादेश ने कड़े कदम उठाए. अपनी जान बचाकर शेख हसीना ने भारत से मदद मांगी, लेकिन अब भी शेख हसीना की दिक्कतें उनका पीछा नहीं छोड़ रही हैं.
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भारत छोड़कर दूसरे देश में बसने की तैयारी कर रही शेख हसीना को बड़ा झटका लगा है. बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने शेख हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. इसी पासपोर्ट के आधार पर ही शेख हसीना ने भारत की यात्रा की थी. बांग्लादेश की मौजूद सरकार के इस फैसले के बाद उनकी यात्रा अब मान्य नहीं होगी.
बनेगा बांग्लादेश लौटने का दबाव
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द होने के बाद शेख हसीना के लिए सबसे बड़ी मुश्किल होगी कि वह भारत छोड़कर किसी अन्य देश की यात्रा नहीं कर पाएंगी. इसके साथ ही उन पर दोबारा बांग्लादेश लौटने का दबाव भी बढ़ेगा क्योंकि उनकी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट पर की गई यात्रा अब अमान्य घोषित हो गई.
क्या कहता है नियम
दरअसल अगर किसी देश के प्रतिनिधि का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट पर यात्रा कर भारत में आता है तो वह 45 दिन तक देश में रह सकता है. इसके बाद उसे देश छोड़ना होता है. शेख हसीना ने इसी कानून के तहत भारत में शरण ली है. अब यहां से पासपोर्ट रद्द होने के बाद शेख हसीना किसी अन्य मुल्क की यात्रा नहीं कर पाएंगी.
अब बांग्लादेश करेगा प्रत्यर्पण की डिमांड
शेख हसीना के पासपोर्ट को रद्द करने के बाद अब बांग्लादेश की मौजूदा सरकार हसीना पर दबाव बढ़ा सकती है. खास बात यह है कि अब बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत से डिमांड भी कर सकती है.
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ऐसा हुआ और शेख हसीना का प्रत्यर्पण हुआ तो उनका हाल भी जिया खालिदा जैसा हो सकता है. क्योंकि शेख हसीना के कार्यकाल में हुए मानवाधिकार हनन मामलों की जांच शुरू हो जाएगी. ऐसे में उन्हें जिंदगी के बाकी पल जेल में बितना पड़ सकते हैं.
बता दें कि शेख हसीना पर एक दो नहीं बल्कि 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भी शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लागए हैं. अब बांग्लादेश भारत के साथ 2013 में हुई प्रत्यपर्ण संधि के जरिए शेख हसीना को सौंपने की मांग कर सकता है.