Bangladesh: शेख हसीना को एक पार्टी की वजह से छोड़ना पड़ा देश! जानिए क्या है जमात-ए-इस्लामी

jamat-e-islami: बांग्लादेश में आरक्षण की आग में पिछले लंबे समय से जल रहा है, लेकिन सोमवार को प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि देश की प्रधानमंत्री को इस्तीफा देकर भागना पड़ा. इसके पीछे जमात-ए-इस्लामी का हाथ बताया जा रहा है.

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Vineeta Kumari
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शेख हसीना
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jamat-e-islami: पड़ोसी देश बांग्लादेश में लगातार आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. पूरा देश आरक्षण की आग में जल रहा है. वहीं, इन सबके बीच बंग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जिस पर शेख हसीना ने प्रतिबंध लगा दिया था. इस विरोध प्रदर्शन में जमात-ए-इस्लामी पूरी ताकत के साथ सड़कों पर उतर गए हैं. सोमवार को हद तो तब हो गई जब प्रदर्शन इतना ज्यादा उग्र हो गया कि प्रदर्शनकारियों ने सरकारी प्रोपर्टी को आग के हवाले कर दिया और पीएम आवास के अंदर घुस गए.

पीएम पद से इस्तीफा देकर शेख हसीना ने छोड़ा देश

उग्र प्रदर्शनकारियों को देखते हुए बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भाग निकली. बता दें कि एक महीने से बांग्लादेश में युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच शेख हसीना की सरकार के एक फैसले ने आग में घी डालने का काम किया. दरअसल, शेख हसीना की सरकार ने जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया. जिसके बाद जमात-ए-इस्लामी के छात्र विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया.

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क्या है जमात-ए-इस्लामी

आपको बता दें कि जमात-ए-इस्लामी देश की सबसे बड़ी कट्टरपंथी पार्टी माना जाता है. देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अपराध के बीच अकसर जमात-ए-इस्लामी का ही नाम आता रहा है. मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि जमात-ए-इस्लामी के लोग लगातार हिंदुओं पर हमला करते रहते हैं. हालांकि 1 अगस्त, 2013 को बांग्लादेश हाईकोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी का चुनाव आयोग के साथ  पंजीकरण रद्द कर दिया था. जिसके बाद पार्टी ने इस फैसले को चुनौती देते हुए अपीलीय डिविजन में अपील की थी. जिस पर 2018 में फैसला लेते हुए चुनाव आयोग ने रजिस्ट्रेशन को अवैध घोषित कर दिया था. यह पार्टी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो गई. वहीं, शेख हसीना ने इसके छात्र संगठन पर भी प्रतिबंध लगा दिया. जिसके बाद से आरक्षण के विरोध प्रदर्शन को फायदा उठाते हुए जमात-ए-इस्लामी के छात्र सड़कों पर उतर आए. 

शेख हसीना की सरकार ने जमात-ए-इस्लामी के छात्र संघ को किया था बैन

बता दें कि सोमवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास में घुसकर ना सिर्फ तोड़-फोड़ की बल्कि बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले शेख मुजीब की मूर्ति पर भी हथौड़े से हमला किया. फिलहाल, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश की बागडोर सेना ने अपने हाथ में ले ली है और उन्होंने लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखें. साथ ही यह भी कहा है कि हम आपकी मांगों को पूरा करेंगे.

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