बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के साथ जमकर बर्बरता की. उनकी हत्या की. उनके घर और दुकान जला दिए. अब दूर्गा पूजा आने वाली है. दूर्गा पूजा हिंदुओं का खास त्योहार है. ऐसे में अब कट्टरपंथी हिंदू समुदाय को दोबारा धमकाने लगे हैं. धमकी दे रहे कट्टरपंथी हिंदुओं को दुर्गा पंडाल तक नहीं लगाने दे रहे हैं. हिंदू समुदाय घबराया हुआ है, इस वजह से उन्हें आयोजन स्खल बदलने को मजबूर होना पड़ रहा है.
ढाका में कई लोग उत्सव मनाने के खिलाफ
बांग्लादेश के अधिकांश इलाक ऐसे हैं, जहां दुर्गा पूजा मनाने के लिए हिंदूओं को धमकाया जा रहा है. एक सप्ताह पहले राजधानी ढाका के उत्तरा उपनगर के कई सेक्टरों में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने मानव शृंखला बनाई थी. उनका कहना है कि वे लोग दूर्गा पूजा के खिलाफ हैं.
मदरसे के छात्र भी कर रहे विरोध
मानव शृंख्ला के कारण इलाके में तनाव बढ़ा तो पुलिस और सेना ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के नेताओं के साथ बैठकें की. पिछले साल हिंदू समुदाय ने उत्तरा के सेक्टर 11 में दुर्गा पूजा का आयोजन किया था. लेकिन इस बार बगल की मस्जिद में नमाज पढ़ने जाने वले लगों ने विरोध किया. मस्जिद वालों के साथ ही, मदरसे के छात्र भी दूर्गा पूजा के विरोध में उतर आए. उन्होंने वहां मिलकर मानव श्रृंख्ला बनाई. इसके बाद जब हिंदुओं ने दुर्गा पूजा 11 की बजाये सेक्टर 13 में मनाने के लिए राजी हुआ तो वहां भी विरोध शुरू हो गया.
कई जगह दूर्गा पूजा मनाने में नहीं हैं कोई परेशानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ जगह हिंदू आराम से दूर्गा पूजा मना रहे हैं. हालांकि, पुलिस का कहना है कि बांग्लादेश में दूर्गा पूजा के लिए खास तैयारी की गई है. देश भर में 32,666 मंडपों में दुर्गा पूजा मनाया जाएगा.
बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों को भी नहीं बख्श रहे कट्टरपंथी
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू अध्यापकों को भी कट्टरपंथियों ने नहीं बख्शा है. कट्टरपंथियों के कारण हिंदुओं को बांग्लादेश में सरकारी नौकरी तक छोड़नी पड़ी. उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया. बांग्लादेश के एसोसिएट प्रोफेसर संजय कुमार मुखर्जी, काजी नजरुल विश्वविद्यालय का कहना है कि हमसे जबरदस्ती इस्तीफा लिया गया. हम यहां बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं.
ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. चंद्रनाथ पोद्दार का कहना है कि छात्रों ने मुझसे जबरन इस्तीफा लिया है. हमें मजबूर किया जा रहा है. उनका कहना है कि जो शिक्षक डर के कारण कैंपस नहीं आ रहे हैं, उन्हें घर जाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर