हिंसा में क्षतिग्रस्त हुए मेट्रो स्टेशन को देखकर रो पड़ी बांग्लादेशी प्रधानमंत्री, लोगों ने कहा- यह घड़ियाली आंसू

बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के कारण मीरपुर-10 मेट्रो स्टेशन को नुकसान पहुंचा है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वहां का दौरा किया और आंसू पोछते हुए तोड़फोड़ के हालात देखकर दुख जताया.

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Jalaj Kumar Mishra
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Bangladesh PM Cried

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बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया था. हिंसा के कारण हुए नुकसान का आकलन करने मीरपुर-10 मेट्रो स्टेशन पहुंची बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रो पड़ीं. स्टेशन में तोड़फोड़ और वहां के हालात देखकर शेख हसीना के आंसू आ गए. इस दौरान वे टीशू पेपर से अपने आंसू पोछते नजर आईं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आम लोगों की सुविधाओं के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं को कोई कैसे तोड़ सकता है. ऐसी कौन सी मानसिकता है, जो लोगों को ऐसे काम करने के लिए मजबूर करती है. उन्होंने कहा कि ढाका के लोग जाम से परेशान होते थे. मेट्रो ने लोगों को राहत दी थी लेकिन शरारती तत्वों ने इसे भी बर्बाद कर दिया. मैं इसकी दुर्गति नहीं देख सकती हूं. 

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लोगों ने शेख हसीना को सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर पीएम के आंसुओं को घड़ियाली आंसू बताए. लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदर्शन में मारे गए लोगों के लिए दुख नहीं जताया, जितना मेट्रो स्टेशन के लिए वे दुख जता रही है. एक व्यक्ति ने पूछा- क्या छात्रों की मौत पर आपके आंसू नहीं आए.

बांग्लादेश का सबसे आधुनिक मेट्रो स्टेशन बर्बाद हुआ

मीरपुर-10 बांग्लादेश का सबसे व्यस्त और आधुनिक मेट्रो स्टेशन कहलाता था. हालांकि, अब इसे बंद कर दिया गया है. मीरपुर-10 मेट्रो स्टेशन को काफी अधिक नुकसान हुआ है. मेट्रो अधिकारी का कहना है कि सुविधा शुरू होने में कितना समय लगेगा, यही जांचने में दो सप्ताह लगेंगे.

हिंसा भड़कने का यह है मुख्य कारण

बांग्लादेश में हिंसा भड़कने का मुख्य कारण नौकरी में आरक्षण है. छात्रों की मांग थी कि नौकरी से आरक्षण को हटाया जाए. दरअसल, बांग्लादेश में नियम था कि सार्वजनिक क्षेत्र में 1971 का युद्ध लड़े लोगों के परिजनों को 30 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा. छात्र इस फैसले को भेदभावपूर्ण बता रहे थे. बांग्लादेश में नौकरियों में कुल 56 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता था. हालांकि, मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनावई की और फैसला सुनाया कि अब नौकरी में महज 7 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा. अदालत ने कहा कि नौकरियों में 93 फीसदी चयन अब योग्यता के आधार पर ही होगा. बता दें, हिंसा में करीब 140 लोगों की मौत हो गई थी.

 

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