अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे. पांच नवंबर को इसके लिए मतदान होंगे. कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों ही नेता वोटरों को लुभाने की जुगत में लगे हुए हैं. इस बीच खूफिया जानकारी सामने आई है कि रूस अमेरिका के चुनावों को प्रभावित करना चाहता है. रूस चाहता है कि कमला हैरिस इस चुनाव में जीत दर्ज न करें. जो बाइडन प्रशासन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर चुनावों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. हालांकि, रूस ने बाइडन प्रशासन के आरोपों को नकार दिया है और उन्हें बेतुका बताया है.
बता दें, अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खबरें छपी थीं कि रूस डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार मानता है. खबरों के सामने आने के बाद बाइडन प्रशासन अलर्ट हो गया है. अमेरिका के खूफिया निदेशक कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि रूस अमेरिका चुनाव में असर डालने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी पहले भी रूस पर भ्रामक सूचनाएं फैलाने का आरोप लगा चुकी हैं.
रूस ने बयान को बताए बेतुके
अमेरिका के अरोपों रूस ने प्रतिक्रिया दी. रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि सभी आरोप बेतुके हैं. ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में जिताने में हमें कोई रुचि नहीं है. रूस पर आरोप लगाए जा रहे सभी आरोप बेतुके हैं. इनमें कोई दम नहीं है. डोनाल्ड ट्रंप के साथ रूस ने चार साल काम किया है, जो सबसे बुरे चार साल थे. रूसी मीडिया ने कहा कि अमेरिका में जो बातें हो रही है, वे हसास्यपद है.
10 सितंबर को प्रेजिडेंशियल चुनाव
अमेरिका में चुनाव से पहले डिबेट की परंपरा है. जिसे प्रेजिडेंशियल डिबेट कहते हैं. पहला डिबेट तो ट्रंप ने जो बाइडन से जीत ली थी. अब 10 सितंबर को दोबारा और अंतिम प्रेजिडेंशियल डिबेट होनी है. इस डिबेट में ट्रंप के सामने इस बार बाइडन की जगह कमला हैरिस हैं. इस प्रेजिडेंशियल डिबेट के बाद तय होगा कि आखिर कौन-किस पर भारी होगा.