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Bangladesh में आज फिर होगा कुछ बड़ा, मिट जाएगा नामो निशान!

बांग्लादेश के इतिहास में आने वाले कुछ घंटे काफी अहम साबित हो सकते हैं. अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री बने मोहम्मद युनूस एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में हैं. इस फैसले पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं.

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Dheeraj Sharma
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Bangladesh today May Erased name of Sheikh Mujiburahman

Bangladesh: बांग्लादेश में अब भी हालात पूरी तरह शांत नहीं हुए हैं. अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. खुद अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री बने मोहम्मद युनूस पर लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. दरअसल बांग्लादेश में हुई उथल-पुथल के बाद से ही लगातार हिंसक घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है. इसके बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए हुए हैं. लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल बांग्लादेश में एक बार फिर कुछ बड़ा होने वाला है. इसको लेकर मंगलवार को ही दुनिया को एक बड़ा फैसला देखने को मिल सकता है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. 

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खत्म होगा राष्ट्रीय शोक दिवस

15 अगस्त पर बांग्लादेश में हर वर्ष शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है. दरअसल 1975 में इसी दिन शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या की गई थी. ऐसे में इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. शेख हसीना की सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय शोक घोषित किया था. अब लोगों की मांग है कि इस दिन यानी 15 अगस्त को शोक दिवस के रूप में नहीं मनाया जाए. 

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माना जा रहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मो. युनूस इस मामले में बड़ा फैसला ले सकते हैं. यानी इसको लेकर मंगलवार को उनकी कैबिनेट एक प्रस्ताव पास कर 15 अगस्त को शोक दिवस के रूप में नहीं मनाए जाने पर मुहर लगा सकती है. ऐसा हुआ तो बांग्लादेश में एक बहुत दिन माना जाएगा. क्योंकि इसके साथ ही शेख मुजीबुर्रमान का नाम भी देश में धुंधला पड़ जाएगा. 

अन्य दलों के साथ बैठक

बांग्लादेश पीएम मो. युनूस ने 15 अगस्त को शोक दिवस के रूप में हटाए जाने की बात को लेकर बीएनपी के साथ-साथ अन्य सात राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक भी की है. इस बैठक के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि जल्द ही बांग्लादेश में बड़ा खेला हो सकता है. इस बैठक में भी सभी दलों ने शोक दिवस को नहीं मनाने को लेकर सहमति जताई है. 

प्रतिमाओं को तोड़ा अब नाम भी 

बता दें कि बांग्लादेश में जिस दिन तख्तापलट हुआ, जिस दिन शेख हसीना ने देश छोड़ा उसी दिन उनके पिता शेख मुजीबुर्रमान की प्रतिमाओं को तोड़ा गया. लेकिन अब देश से उनका नाम भी धुमिल करने या खत्म करने की तैयारी की जा रही है. सरकार की मुहल लगते ही ये बड़ा कदम उठाया जा सकता है. दरअसल शेख मुजीबुर्रमान को बांग्लादेश में फादर ऑफ नेशन का दर्जा दिया गया था, ऐसे में सरकार के फैसले से देश में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है. 

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Mohammed Yunus Sheikh Hasina 15 August 2024 Bangladesh
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