अमेरिका में हजारों डॉलर की नकली ऑन्कोलॉजी दवाएं (कैंसर की दवाएं) बेचने और शिपिंग करने के आरोप में बिहार के एक शख्स ह्यूस्टन, टेक्सास में एक फेडरल ग्रैंड जूरी ने 100 साल की जेल की सजा सुनाई है. जूरी इस शख्स को कुल पांच मामलों में आरोपी करार दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, मामले में आरोपी की पहचान संजय कुमार के तौर पर हुई है. अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, संजय और उसके अन्य साथी कथित तौर पर अमेरिका में कैंसर इम्यूनोथेरेपी - कीट्रूडा सहित ऑन्कोलॉजी फार्मास्यूटिकल्स के नकली दवाओं की शिपमेंट और बिक्री करते थे.
बता दें कि, संजय कुमार पर दर्ज पांच मामलों में चार मामले नकली दवाओं की तस्करी करने और एक नकली दवाओं की तस्करी की साजिश करने के मामले में लगाया गया है. अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि, अगर आरोपी सभी मामलों में दोषी पाया जाता है, तो उसे प्रत्येक मामले में अधिकतम 20 साल, यानी कुल 100 साल तक की सजा हो सकती है.
कब किया गिरफ्तार?
मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए एक अमेरिकी वकील ने बताया कि, आरोपी संजय को 26 जून को ह्यूस्टन में उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह अमेरिकी बाजार में नकली कीट्रूडा बेचने के अपने व्यवसाय पर बातचीत करने और विस्तार करने के इरादे से अमेरिका लैंड किया था.
कीट्रूडा क्या है इसपर बात करते हुए अधिकारियों ने बताया कि, ये एक कैंसर इम्यूनोथेरेपी है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में 19 विभिन्न इंडिकेशन के लिए अप्रूवड किया गया है, जिसमें कुछ प्रकार के मेलेनोमा, फेफड़ों के कैंसर, सिर और गर्दन के कैंसर, हॉजकिन लिंफोमा, गैस्ट्रिक कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और स्तन कैंसर का उपचार शामिल है.
यूएस अटॉर्नी का कहना है कि, अमेरिका में केवल मर्क शार्प एंड डोहमे एलएलसी नामक एक फर्म के पास ही अंतरराज्यीय वाणिज्य में परिचय के लिए कीट्रूडा के निर्माण को अधिकृत करने का एकमात्र अधिकार है.