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चैलेंज को पूरा करने के चक्कर में 12 साल के बच्चे को आया कार्डियक अरेस्ट, परफ्यूम बना काल!

12 साल के Cesar Watson-King को 'क्रोमिंग' चैलेंज के बाद गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. बच्चे की मां ने इसके खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की अपील की. 

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Mohit Saxena
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cardiac arrest

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इंग्लैंड से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां पर 12 वर्ष के एक बच्चे को परफ्यूम के कारण हार्ट अटैक आ गया. फिलहाल, उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इस केस को सुनकर हर कोई हैरान है. एक 12 साल का बच्चा कैसे कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो सकता है. दरअसल, बच्चा ‘क्रोमिंग’ नाम के एक खतरनाक सोशल मीडिया ट्रेंड का हिस्सा बनने का प्रयास कर रहा था. बच्चे को इस बात का अंदाजा बिल्कुल नहीं था. इस तरह की घटना से अभिभावकों को सबक लेने की जरूरत है, जो बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा देते हैं. वे यह नहीं सोचते हैं कि उनका बच्चा पीठ पीछे किस तरह की चीज देख रहा है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डोनकास्टर के 12 वर्षीय सीजर वॉटसन-किंग को ‘क्रोमिंग’ चैलेंज के बाद गंभीर स्वाथ्य आपात स्थिति का सामना करना पड़ा. इसमें दौरे और कार्डियक अरेस्ट भी थे. यह घटना बीते माह की है. सीजर एक बड़े लड़के के कहने पर एंटी-पर्सपिरेंट कैन से निकलने वाले जहरीले धुएं को सांस के जरिए अंदर शरीर में ले लिया. इससे उसे गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा.

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 सीजर की मां निकोला किंग ने इस वाक्ये के बाद ‘क्रोमिंग’ चैलेंज से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की है. उन्होंने हर माता-पिता से सर्तक रहने को कहा. प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित होने का भी आग्रह किया है.

क्या है गेमिंग चैलेंज 

टिकटॉक पर यह काफी मशहूर गेमिंग चैलेंज है. इसका नाम ‘क्रोमिंग’ चैलेंज है. यह बेहद खतरनाक खेल है. इसमें बच्चे नशा करने को लेकर घरों में मौजूद केमिकल का उपयोग करते हैं. यह केमिकल हेयर स्प्रे, डिओडरेंट, नेल पॉलिश रिमूवर, परफ्यूम, गैसोलीन, पेंट थिनर, स्प्रे पेंट या परमानेंट मार्कर जैसी चीजें होती हैं. मेलबर्न स्थित रॉयल चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल के अनुसार, इन चीजों से बच्चों में रोमांच पैदा होता है. इससे उनकी जान को खतरा होता है.

बीते साल ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा ट्रेंढ तेजी से बढ़ा

क्रोमिंग की वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर घातक प्रभाव पड़ता है. इससे चक्कर आना, मतिभ्रम और हार्ट अटैक जैसे घातक हालात पैदा होते हैं. यह ट्रेंड बीते साल ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा तेजी से बढ़ा. अब सोशल मीडिया के जरिए यह अन्य जगहों पर भी फैल रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे पदार्थों को सूंघने के कारण हर वर्ष 50 से अधिक मौतें होती हैं.

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