Fentanyl Smuggling: दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका इनदिनों नशीले पदार्थों की तस्करी का संकट झेल रहा है. पिछले दशक में ये संकट और गहराया है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका कृत्रिम ओपिओइड्स जैसे फेंटानिल की रही है. जो मोर्फिन से 100 गुना अधिक शक्तिशाली माना जाता है. यही नहीं इसकी ओवरडोज से बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं. जिन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर भारी दबाव डाला है. मधुरेंद्र की इस रिपोर्ट में जानते हैं क्या है पूरा मामला.
फेंटानिल की भयावहता
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, साल 2022 में एक लाख से ज्यादा अमेरिकी नशीली दवाओं के ओवरडोज की वजह से मौत के मुंह में समा गए. जिनमें से अधिकांश मौतें ओपिओइड्स से संबंधित थीं. इसमें फेंटानिल की अहम भूमिका थी जो ड्रग से संबंधित मौतों का प्रमुख कारण बन गया है. फेंटालिन का इस्तेमाल शुरुआत में कैंसर के मरीजों के लिए दर्द निवारक के रूप में किया जाता था, लेकिन अब यह अवैध बाजार में हेरोइन और कोकीन जैसे अन्य पदार्थों के साथ मिलाकर बेचा जा रहा है.
क्या है चीन की भूमिका और तस्करी का मामला
हेरिटेज फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी रासायनिक कंपनियां कथित तौर पर मेक्सिकन कार्टेल्स को फेंटानिल बनाने के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान कर रही हैं, जो बाद में अमेरिका में तस्करी के जरिए पहुंचाई जा रही है. इस संकट ने अब छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को भी अपनी चपेट में ले लिया है, खासकर मिडवेस्ट और एपलाचिया क्षेत्रों में ये संकट गहरा गया है. फेंटानिल जैसे कृत्रिम ओपिओइड्स का आसानी से उपलब्ध और सस्ता होना उन लोगों के लिए विशेष खतरा पैदा कर रहा है जो नशे की लत से जूझ रहे हैं. इन शक्तिशाली दवाओं ने उन क्षेत्रों में भी ओवरडोज की मौतों में तेजी से वृद्धि की है, जहां पहले नशीले पदार्थों की समस्या नहीं थी.
ओपिओइड महामारी का बढ़ता प्रभाव
बता दें कि 1990 और 2000 के दशकों में फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा ओपिओइड्स के आक्रामक विपणन ने इस संकट को और बढ़ा दिया. इन दवाओं के अत्यधिक उपयोग के कारण कई लोग उनकी लत में फंस गए. उसके बाद उन्होंने हेरोइन और फेंटानिल जैसे अवैध और अधिक नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. जब ओपिओइड्स पर कानूनी नियंत्रण कड़े हुए, तो अवैध मादक पदार्थों के व्यापार ने सस्ते और शक्तिशाली विकल्पों का उत्पादन शुरू कर दिया, जिससे ओवरडोज से मौतें तेजी से बढ़ने लगीं.
कोरोना काल में बढ़ी समस्या
साल 2020 में जब कोरोना महामारी आई तो इस संकट को और बदतर कर दिया. लॉकडाउन, बेरोजगारी और सामाजिक अलगाव के कारण नशे का इस्तेमाल बढ़ गया. इसके चलते महामारी के दौरान ओवरडोज के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई. तस्करों ने सप्लाई चेन में व्यवधान के कारण फेंटानिल को अन्य पदार्थों के साथ मिलाकर अपनी आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश की, जिससे ओवरडोज की घटनाओं में और तेजी देखने को मिली. इसके अलावा, नशे से जूझ रहे लोगों के पास उपचार और सहायता तक पहुंच सीमित हो गई, जिससे यह संकट एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा में बदल गया.
क्या है अमेरिकी की कोशिश और चुनौतियां
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, "फेंटानिल अब तक का सबसे घातक नशा खतरा है जिसका अमेरिका ने सामना किया है." 2023 में दर्ज की गई 108,000 ओवरडोज मौतों में से 75,000 से अधिक मौतों के लिए फेंटानिल जैसे कृत्रिम ओपिओइड्स जिम्मेदार थे. अमेरिकी सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए प्रमुख उपाय किए हैं, जिसमें चीन से अमेरिका में आने वाले फेंटानिल की मात्रा को कम करना भी शामिल है.
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ मादक पदार्थों के ओवरडोज से होने वाली मौतों को रोकने के लिए हानिकारक नशीले पदार्थों के प्रभाव को कम करने वाली तकनीकों की सिफारिश कर रहे हैं. जबकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर रही हैं. इसके साथ ही ओवरडोज को रोकने के लिए नालोक्सोन जैसे दवाओं की व्यापक उपलब्धता को एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में अपनाया जा रहा है.
कैसे किया जा सकता है समाधान?
नशे के इस संकट से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण की जरूरत है. नशे के शिकार लोगों की मदद के लिए नशे की लत और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना जरूरी है. इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों पर वित्तीय बोझ को कम करना भी नशीली दवाओं के उपयोग को कम करने में मदद कर सकता है. ओपिओइड्स के खतरों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है, ताकि लोग बेहतर विकल्प चुन सकें. ये सभी पहल मिलकर व्यक्तियों और समाज पर ओपिओइड्स के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद करेंगी और इस संकट का स्थायी समाधान हो सकेगा.