एक्स के मालिक एलोन मस्क ने अमेरिकन इकोनॉमिस्ट जेफरी डी सैचस की ओर से यूक्रेन युद्ध पर उनके विचार को सामने रखा है. उन्होंने सीधे तौर पर यूक्रेन वॉर को पुतिन को बेगुनाह बताते हुए नाटो की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है. इस फुटेज को एक्स पर शेयर किया गया है. उनका कहना है कि यह युद्ध नाटो की महत्वकांक्षाओं के कारण हुआ है. यह वीडियो खुद एलोन मस्क ने शेयर किया है. अर्थशास्त्री जेफरी डी सैचस ने यूक्रेन वॉर पर बोलते हुए यूएस की पॉलिसी की निंदा की. उन्होंने कहा कि यह रूस का अग्रेशन नहीं है, बल्कि ये यूएस पॉलीसी का एक्सपैंशन है. नाटो के कारण यह युद्ध हुआ है.
सैचस ने आम धारणा को चुनौती दी कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाई अकारण थी. सैचस ने वीडियो में कहा, "यह यूक्रेन पर व्लादिमीर पुतिन का हमला नहीं है, जैसा कि हमें आज बताया गया है." उन्होंने यह बात युद्ध की एक साल की सालगिरह के अवसर पर 2023 के भाषण में कहा. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन प्रशासन की भी आलोचना की.
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नाटो का टूटा वादा और उसके परिणाम
सैचस ने 1990 में एक अहम क्षण की ओर इशारा किया. उस समय अमेरिका ने सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव से प्रतिबद्धता जताई थी कि नाटो जर्मनी के एकीकरण के बदले में एक इंच भी पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा. सैचस के अनुसार, जब 1999 में पोलैंड, हंगरी और चेक गणराज्य को शामिल करने के साथ नाटो का विस्तार शुरू हुआ तो अमेरिका ने यह वादा तोड़ा. उन्होंने 1999 में सर्बिया पर अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो बमबारी का भी उल्लेख किया. इसका रूस ने विरोध किया था.
अमेरिका की भूमिका और बढ़ता तनाव
सैचस ने यूक्रेन की राजनीतिक में उथल-पुथल, विशेष रूप से 2014 के शासन परिवर्तन में अमेरिका की भूमिका होने का आरोप लगाया. उनका मानना है कि इससे तनाव और अधिक बढ़ा. नाटो के पूर्व की ओर विस्तार को लेकर पुतिन की बार-बार चेतावनी दी. इसके बाद भी अमेरिका ने अपनी कार्रवाई जारी रखी. इससे चल रहे संघर्ष को बढ़ावा मिला.