भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है पर भारत के पड़ोसी देश में समलैंगिक विवाह की अनुमति है. पड़ोसी देश में भी पिछले साल ही समलैंगिक विवाह की अनुमति दी गई थी. अब एक गे कपल ने गुरुवार को समलैंगिक शादी भी कर ली. यह पड़ोसी देश- नेपाल है. खास बात है कि यह नेपाल की पहली शादी है.
नेपाल के पहले गे कपल का नाम- प्रजीत बुद्धाथोकी और जोसेफ फोस्टर है. बुद्धाथोकी नेपाल के रहने वाले हैं और फोस्टर अमेरिका के रहवासी हैं.
हिंदू और ईसाई रीति-रिवाज से हुई शादी
यह गे विवाह 'माया को पहचान' एनजीओ ने करवाई है. एनजीओ एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए काम करता है. सुनील बाबू पांता संगठन के प्रमुख हैं. खास बात है कि सुनील बाबू नेपाली संसद के पहले गे मेंबर हैं. शादी में 50 लोग मौजूद थे, जिसमें एलजीबीटी कम्यूनिटी के सदस्य, परिजन और मीडिया के लोग शामिल थे. शादी हिंदू और ईसाई के रीति-रिवाज से हुई है. ईसाई पादरी की मौजूदगी में जोसेफ और प्रजीत ने सबसे पहले एक दूसरे को अंगूठी पहनाई और फिर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह पूरा हुआ.
टूरिस्ट डेस्टिनेशन का हब बन सकता है नेपाल
देश के पहले समलैंगिक विवाह पर सुनील बाबू ने कहा कि यह नेपाल का ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि नेपाल सेम सेक्स मैरिज के लिए डेस्टिनेशन वेंडिंग का हब बन सकता है. इससे नेपाल का पर्यटन क्षेत्र भी बढ़ेगा. जोसेफ-प्रजीत ने धारण सब-मेट्रोपॉलिटन सिटी में शादी को रजिस्टर करवाया. उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट भी मिल चुका है.
भारत में समलैंगिक विवाह को मंजूरी नहीं
बता दें, भारत में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि देश में समलैंगिक विवाह के लिए मांग नहीं उठी. समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई भी हुई थी. हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया.
सुनवाई से इनकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह विधायिका का अधिकार क्षेत्र है. समसद को ही समलैंगिक विवाह को मान्यता देने और न देने का अधिकार है. चीफ जस्टिस सहित पांच जजों की बेंच ने 3-2 से यह फैसला सुनाया. हालांकि, चंद्रचूड़ ने समलैंगिक जोड़े को बच्चा गोद लेने का अधिकार दिया पर सभी जज इस पर भी सहमत नहीं हो पाए.