केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेशी दौरे पर हैं. जर्मनी के दौरे के बाद जयशंकर गुरुवार को जेनेवा पहुंचे. उन्होंने यहां भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की. समुदाय से बात करते हुए उन्होंने काह कि अधिकांश प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विदेश मंत्री यह जानने के इच्छुक होते हैं कि भारत में क्या हो रहा है. विदेशी जमीन पर जयशंकर ने वेबसीरीज आईसी 814: द कंधार हाईजैक पर बी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस दौरान कहा कि कि उस फ्लाइट में उनके पिता भी थे.
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वेब सीरीज पर उन्होंने कहा कि मैंने फिल्म नहीं देखी है. इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं करुंगा. 1984 में एक विमान हाईजैक हुआ था. मैं उस वक्त युवा अधिकारी थी. मैं उस दल में शामिल था, जो हाईजैकिंग से निपट रही थी. काम के प्रेशर के कारण मैंने घर पर मम्मी को फोन करके कहा कि मैं घर नहीं आ सकता. तब मुझे पता चला कि मेरे पिता भी उसी फ्लाइट में थे. यह काफी दिलचस्प था कि एक तरफ में उस टीम का हिस्सा था, जो हाईजैकिंग पर काम कर रही थी. वहीं, दूसरी ओर मैं उन पीड़ित परिजनों का भी हिस्सा था, जिनके अपने विमान में सवार थे और सरकार पर दबाव बना रहे थे. गनीमत रही कि किसी को वहां कुछ हुआ नहीं.
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कोलकाता रेप केस में यह बोल विदेश मंत्री
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता कि देश में एक व्यक्ति भी ऐसा होगा, जो घटना से नाराज न हुआ हो. आप लोगों के गुस्से को सड़कों पर देख सकते हैं. भारत में सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ हो रहा अत्याचार बड़ा मुद्दा है. हालांकि, ऐसा अन्य देशों में भी होता है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बात याद आ रही है. उन्होंने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि जब बेटियां देर रात घर से बाहर जाती हैं तो हम उनसे सवाल करते हैं पर क्या हम ऐसा ही बेटों के घर से बाहर निकलने पर करते हैं. महिलाओं की सुरक्षा हर जगह बड़ा मुद्दा है.