विदेश मंत्री (ईएएम) एस.जयशंकर ने ब्रिस्बेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि करते हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत होते रिश्तों की चार प्रमुख कारण बताए. उन्होंने भारतीय प्रवासियों से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत को स्वीकार करते हुए कहा, इसके चार कारण हैं- प्रधानमंत्री मोदी, ऑस्ट्रेलिया, विश्व और आप सभी. उन्होंने कहा कि वह न केवल ब्रिस्बेन में भारत के चौथे वाणिज्य दूतावास के उद्घाटन के लिए आए हैं.
आर्थिक महत्व पर प्रकाश डाला
उनकी यात्रा भारतीय समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए है. उन्होंने कहा कि आपकी मौजूदगी, कोशिश और योगदान से यह वाणिज्य दूतावास संभव हो पाया है. मैं पीएम मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से किए उस वादे को पूरा करना आया हूं. वह ब्रिस्बेन में वाणिज्य दूतावास खोलेंगे. क्वींसलैंड में रहने वाले 125,000 भारतीय हैं. इनमें 15,000-16,000 छात्र शामिल हैं. जयशंकर ने भारत के लिए राज्य के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत को ऑस्ट्रेलिया का 75 प्रतिशत निर्यात वास्तव में इस राज्य से आता है.
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विदेश मंत्री ने कहा कि इस सहयोग को केवल एक उपलब्धि के रूप में नहीं बल्कि भविष्य के विकास के लिए एक रूपरेखा के रूप में देखा जाना चाहिए. जयशंकर ने भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को व्यापक रणनीतिक भागीदार के रूप में नामित किए जाने को कूटनीतिक दृष्टि से अहम बताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे शब्द केवल कुछ देशों के लिए आरक्षित है.
पहला पड़ाव ऑस्ट्रेलिया में सात नवंबर तक जारी रहेगा
भारत की आकांक्षाओं के बारे में विदेश मंत्री ने कहा, भारत आगे बढ़ रहा है. आगे बढ़ेगा लेकिन भारत दुनिया के संग आगे बढ़ना चाहता है. जब हम दुनिया को देखते हैं, तो हमें अवसर दिखाई देते हैं. हम आशावादी हैं कि समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन कुल मिलाकर, हमें लगता है कि दुनिया में सद्भावना है. दुनिया ने भारत के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है. हम दुनिया भर में भारत की सफलता को लेकर एक भावना देखते हैं. आपको बता दें कि विदेश मंत्री 3 से 8 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे. जयशंकर की यात्रा का पहला पड़ाव ऑस्ट्रेलिया में सात नवंबर तक जारी रहेगा.