इस्राइल ने हिजुबल्ला चीफ हसन नसरल्लाह को मार डाला है. नसरल्लाह की मौत के ऐलान के बाद से इस बात की चर्चा है कि आईडीएफ ने नसरल्लाह की लोकेशन का पता कैसे लगाया. नरसल्लाह पर हमला करने का आदेश किसने दिया.
सेना ने खुद लिया हमले का फैसला
अमेरिकी मीडिया ने इस्राइल के तीन रक्षा अधिकारियों से बात की. अमिरेकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल की खुफिया एंजेंसी ने हसन नसरल्लाह के ठिकानों का महीनों तक पता लगाया. शुक्रवार को हिजबुल्ला हेडक्वार्टर पर हमला करने का फैसला भी इस्राइली सेना के अधिकारियों ने खुद से लिया. इस्राइली अधिकारियों को डर था कि अगर नसरल्लाह को अभी नहीं मारा तो वह कहीं और छिप जाएगा.
नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा से पहले ही हो गई थी प्लानिंग
इस्राइली अधिकारियों ने बताया कि नसरल्लाह को ठिकाने लगाने की प्लानिंग प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिकी यात्रा से पहले ही कर ली गई थी. आईडीएफ और मोसाद को खुफिया जानकारी मिली कि हिजबुल्ला जल्द ही मीटिंग करने वाला है. मीटिंग में हिजबुल्ला के बड़े-बड़े लीडर शामिल होने वाले हैं.
हथियार बहुत खतरनाक था
अमेरिकी मीडिया ने इस्राइली अधिकारियों के हवाले से बताया कि नसरल्लाह को मारने के लिए इस्राइल ने करीब दो हजार पाउंड बम का इस्तेमाल किया. हमला कितना खरतनाक था, इसका अंदाजा इसी चीज से लगा सकते हैं कि हमले की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी गई थी. हमला इतना जोरदार था कि लोगों को लगा कि वहां कोई भूकंप आया हो.
इस्राइल ने अमेरिकी और इस्राइल निर्मित हथियारों के हमलों से बेरूत को बर्बाद कर दिया. दोनों देशों के हथियार ऐसे थे कि जो हर मौसम काम कर सकते हैं. हथियार इतने खतरनाक थे कि लड़ाकू विमानों से गिरने वाले बम हवा से सटीक निशाने पर गिरते हैं.
हिजबुल्ला का नया चीफ नियुक्त
हिजबुल्ला ने अपने नए प्रमुख को चुन लिया है. हाशिम सफीद्दीन को अब हिजबुल्ला की कमान दी गई है. यह हसन नसरल्लाह के चचेरे भाई हैं. 1964 में दक्षिणी लेबनान में जन्मे हाशिम सफीद्दीन एक प्रमुख लेबनानी शिया मौलवी और हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ नेता है. ऐसेा कहा जा रहा है कि हाशिम सफीद्दीन इजरायली हमलों से बचता फिर रहा है. वह हिजबुल्ला के राजनीति मामलों को देखता आया है. इसके साथ ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुख है. इसके साथ वह जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है.