ईरान सरकार के हिजाब पहनने वाले आदेश का विरोध करने वाली महसा आमिनी की हत्या को कल दो साल हो जाएंगे. 16 सितंबर 2022 को जेल में ही आमिनी को मार डाला गया था. बता दें, ईरान में हिजाब को लेकर काफी सख्त कानून हैं.
पुलिस को हिंसा भड़कने की आशंका
इस बीच, महिलाएं ईरान में सार्वजनिक जगहों पर बिना हिजाब के घूम रही हैं. अधिकारी सख्ती नहीं दिखा पा रहे हैं. ईरान की मोरल पुलिस को आशंका है कि अगर सख्ती की तो आमिनी की दूसरी पुण्यतिथि पर हिंसा भड़क सकती है. देश का माहौल बिगड़ सकता है.
नए राष्ट्रपति ने हिजाब कानून में किए सुधार
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पहली ही साफ कर दिया था कि महिलाओं का बिना हिजाब के रहना न सिर्फ धार्मिक बल्कि, राजनीतिक रूप से भी गलत है. ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने सुधार की कोशिश की है पर खामेनेई ने उनके सुधारों को मंजूर नहीं किया है.
प्रदर्शन के बाद से बिना हिजाब घूम रही महिलाएं
महसा की उम्र महज 22 साल थी. महसा की हत्या के बाद ईरान में जमकर प्रदर्शन हुआ. एक माह तक हुए प्रदर्शन में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने 22 हजार लोगों को हिरासत में लिया था. हालांकि, तेहरान की सड़कों पर महिलाएं आसानी से बिना हिजाब के दिखाई दे रही हैं फिर चाहे वह अमीर हो या फिर गरीब.
अफगानिस्तान में भी महिलाओं का बुरा हाल
महिलाओं की आझादी को लेकर अफगानिस्तान में भी सख्त कानून है. तालिबान सरकार ने महिलाओं पर हाल ही में नया कानून थोपा है, जिसके तहत, अफगानिस्तान में अब महिलाएं घर के बाहर नहीं बोल सकती हैं. वहां महिलाओं को अब सार्वजनिक जगहों पर हमेशा अपने चेहरे और शरीर को मोटे कपड़े से ढकने का आदेश दिया है. तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा ने नए कानूनों को मंजूरी दी है. कानूनों को तालिबान ने हलाल और हराम की दो कैटिगिरी में बांटा है.