ईरान की राजधानी तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या ईरान के लिए काफी शर्मनाक है. हानिया की मौत ने ईरान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए है. इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) की एक रिपोर्ट की मानें तो हानिया एक विशिष्ट निवास में रह रहा था, जिसे सुबह दो बजे मिसाइल से उड़ा दिया गया. बता दें, हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के एक कार्यक्रम में शामिल होने तेहरान पहुंचा था.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिस ठिकाने पर हानिया को रखा गया था, वह ईरान के रक्षा मंत्रालय के अधीन था. रक्षा मंत्रालय के सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हमला ईरान की सुरक्षा विफलता है. हमास और आईआरजीसी ने हानिया की हत्या का आरोप इस्राइल पर डाला है पर अब तक इस्राइल ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है.
क्षेत्र में स्थिरता बढ़ने की आशंका
हानिया कतर और तुर्किये में रहता था. वह हमास के राजनीतिक ब्यूरो का मुखिया था. शीर्ष हिज्बुल्लाह कमांडर फुआद शुकर और हानिया की हत्या से युद्ध विरोध और शांति समझौते पर असर पड़ सकता है. पूर्व फिलिस्तीनी मंत्री हनान अशरावी का कहना है कि संप्रभु राज्यों की राजधानियों के साथ-साथ विश्व के महत्वपूर्ण नेताओं पर हमला हुआ है. इससे क्षेत्र में अस्थिरता आ सकती है.
तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ईरान ने किया एलान
हमास का कहना है कि हानिया की मौत लड़ाई को एक नये स्तर पर लेकर जाएगी. इसके गंभीर परिणाम होंगे. बता दें, हानिया की मौत पर ईरान ने दुख जताया है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया है. ईरान के सबसे बड़े नेता का कहना है कि उन्होंने हमारे घर पर आए एक मेहमान को मार डाला है. हमें इससे बहुत दुख पहुंचा है. इस हमले से इस्राइल ने अपने लिए सख्त सजा का रास्ता खोल दिया है. हानिया को कभी भी शहीदी का डर नहीं था. वह हमेशा यह चाहता था. ईरान की जमीन पर दुखद घटना हुई है. उनकी शहादत का बदला लेना अब हमारी जिम्मेदारी है.