इजरायल ने लेबनान के साथ अब फ्रांस को नुकसान पहुंचाया है. उसने राजधानी बेरूत में एक फ्रांसीसी मल्टीनेशनल कंपनी टोटलएनर्जीज गैस स्टेशन को उड़ा दिया है. यहा हमला ऐसे समय पर हुआ जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और नेतन्याहू के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. इजरायल ने इस हमले की विस्तृत जानकारी दी है. यह हवाई हमला बेरूत के दक्षिणी उपनगर में फ्रांसीसी कंपनी TotalEnergies पर हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के बाद स्टेशन पर बड़े पैमाने पर आग फैल गई. हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
नेतन्याहू और मैक्रों के बीच विवाद की जड़
हाल ही में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि सभी सभ्य देशों को इजरायल का मजबूती से साथ देना चाहिए. वह ईरान के अगुवाई वाली "बर्बर ताकतों से लड़ रहा है." उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने के आह्वान को "शर्मनाक" बताया.
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फ्रांस ने लगाए हैं ये प्रतिबंध
वीडियो संदेश को इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने शनिवार को जारी किया है. इस संदेश को इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि "आतंक की धुरी एक साथ खुड़ी हुई है. मगर जो देश कथित तौर पर इस आतंकी धुरी का विरोध करते हैं, वे इजरायल पर हथियारों का प्रतिबंध लगा रहे हैं." नेतन्याहू के इस बयान के तुरंत बाद ही मैक्रों के ऑफिस ने बयान जारी करते हुए सफाई पेश की. उन्होंने कहा, फ्रांस इजरायल का पक्का मित्र है. वह इजराइल की सुरक्षा का समर्थन करता है. अगर ईरान या उसके समर्थक देश इजरायल पर हमला बोलते हैं, तो फ्रांस हमेशा इजरायल के संग खड़ा है.
उन्हें शर्म आनी चाहिए: नेतन्याहू
इजरायली के पीएम नेतन्याहू ने कहा, ऐसे समय में जब इजरायल ईरान से जुड़ी बर्बर ताकतों को हराने में लगा है, तब सभी सभ्य देशों को इजरायल का साथ देना चाहिए. इसके बाद भी राष्ट्रपति मैक्रों और कुछ अन्य पश्चिमी नेता अब इजरायल को हथियार देने में प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें शर्म आनी चाहिए. ऐसा क्या ईरान कर रहा है. वह क्या हिज्बुल्लाह, हूती, हमास और उसके अन्य सहयोगियों पर हथियार प्रतिबंध लगा रहा है? बिल्कुल नहीं. जब आतंक की धुरी साथ खड़ी है. मगर इसका विरोध करते हैं, वे इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. यह कितनी शर्मनाक है."