इजरायल अब और ज्यादा घातक होता जा रहा है. उसने हिज्बुल्लाह के 130 रॉकेट से हमले के जवाब में बड़ा अटैक किया है. उसने अपने 100 लड़ाकू विमानों के साथ लेबनान की 120 साइटों को निशाना बनाया है. यहां पर उसने जमकर बम बरसाए. आईडीएफ प्रवक्ता ने लेबनानी नागरिकों को अगली सूचना तक अवली नदी से दक्षिण की ओर समुद्र तट से बचने की चेतावनी जारी की है. लेबनान ने यह हमला 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए हमलों की बरसी पर किया. बीते साल इजरायल पर हमास ने आतंकी हमला करके करीब 1200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. वहीं 250 आम नागरिकों को बंधक बना लिया था.
आईडीएफ ने सोमवार को ऐलान किया कि उसने उत्तरी इजरायल में एक नया क्लोज्ड मिलिट्री जोन का ऐलान किया है. लेबनान में इजरायली ग्राउंड ऑपरेशन जारी करने के बाद यह चौथा क्लोज्ड मिलिट्री जोन है. यह मेडिटेरेनियन सी से पूर्व की ओर फैला है. आईडीएफ ने एक बयान में कहा,'हमारे विमानों ने हिज्बुल्लाह की कई यूनिट्स को तबाह कर दिया है. सबसे अधिक सदर्न फ्रंट की रीजनल यूनिट्स, रादवान फोर्सेज, मिसाइल और रॉकेट फोर्स और इंटेलिजेंस यूनिट को टारगेट किया गया है.'
आईडीएफ के अनुसार, यह हवाई हमला हिज्बुल्लाह के कमांड एंड कंट्रोल और फायरिंग क्षमताओं को खत्म करने के लिए था. इसके साथ ही इजरायली ग्राउंड ऑपरेशन में शामिल सैनिकों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करने के उद्देश्य से ये हवाई हमले किए गए. एक ओर इजरायल में 7 अक्टूबर को हमले की बरसी पर शोक सभाएं जारी की थीं. वहीं दूसरी ओर उसकी सेना कई मोर्चों पर जंग लड़ रही है. वहीं इजरायल में ग्राउंड ऑपरेशन का विस्तार किया और आईडीएफ की थर्ड डिवीजन भी युद्ध में खड़ा है.
130 से अधिक रॉकेट से हाइफा पर हमला
आपको बता दें कि हिज्बुल्लाह ने सोमवार को इजरायल पर 130 से अधिक राकेट दागे. इनमें से अधिकतर रॉकेट से हाइफा को निशाना बनाया गया. यह इजरायल का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. शाम होने के बाद यमन से हूती की ओर से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइल को जरायली एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम ने हवा में खत्म कर दिया, वहीं कुछ खाली इलाकों में गिर गए. इस इलाके में भीषण युद्ध की आशंका बनी हुई है. इजरायल ने बीते सप्ताह ईरान की ओर बड़े पैमाने पर किए मिसाइल हमले का बदला लेने का वादा किया.
इस हमले के बाद इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर बड़ा अटैक कर सकता है. दूसरी ओर तेहरान ने चेताया है कि वह इजरायल के हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा. इस लड़ाई में अमेरिका भी शामिल हो सकता है. वह अभी भी इजरायल को अहम सैन्य और राजनयिक सहायता दे रहा है. ईरान को लेकर अमेरिका शुरू से आक्रामक रहा है. ऐसे में वह बड़ा जवाबी हमला कर सकता है.