हिजबुल्लाह को बड़ा धक्का लगा है. उसके बड़े नेता हसन नसरल्लाह की इजरायल ने पूरी प्लानिग के तहत हत्या करवा दी है. यह कार्रवाई इतनी तेजी से हुई कि खुद आतंकी संगठन सकते में है कि इतनी खुफिया जानकारी इजरायल तक कैसे पहुंच गई. आपको बता दें कि 27 सितंबर को बेरूत के दक्षिणी शहर दाहियेह में बने एक अंडरग्राहउंट हेडक्वॉर्टर में मीटिंग के दौरान नसरल्लाह पर हवाई हमला हुआ. इस दौरान उनके टॉप कमांडर उनके साथ थे. ईरान के पूर्व राष्ट्रापति महमूद ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि किस तरह से इजरायल ने इस भयानक हमले को अंजाम दिया. उन्होंने बताया कि एक ईरानी मुखबीर था, जिसने इजरायल को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के बारे में सूचना दी थी.
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20 एजेंट मोसाद के दोहरे एजेंट थे
अहमदीनेजाद ने अपने इंटरव्यू में जानकारी दी कि इजरायली इंटेलीजेंस एक्टिविटी पर नजर रखने वाले ईरानी खुफिया दल के 20 एजेंट मोसाद के दोहरे एजेंट थे. उन्होंने आरोप लगाया कि यह दोहरे एजेंट इजरायल को ईरानी परमाणु कार्यक्रम के बारे में खुफिया जानकारी देते रहे थे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि क्या इन लोगों ने बेरूत में हिजबुल्लाह के छिपे होने के बारे में अहम जानकारी इजरायल को दिलाई थी. इसके बाद हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ मारा गया.
हवाई हमले में नसरल्लाह के मारे जाने के कुछ घंटे पहले एक ईरानी जासूस ने कथित तौर पर इजरायली अधिकारियों को उसके स्थान के बारे में अलर्ट किया. इसमें कहा गया है कि जासूस ने इजरायल को यह जानकारी दी कि नसरल्लाह संगठन के कई बड़े नेताओं के साथ बैठक में भाग लेने के लिए अंडरग्राउंड इमारत में होगा.
इजरायल ने अपना जाल बिछा दिया
नसरल्लाह को टारगेट करने के लिए इजरायल ने काफी पहले से ही योजना बना ली थी. आपको बता दें कि 2006 के युद्ध के बाद हिजबुल्लाह को लक्ष्य बनाने के लिए इजरायल ने अपना जाल बिछा दिया. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की यूनिट 8200, सिग्नल इंटेलिजेंस एजेंसी ने हिजबुल्लाह के सेलफोन और अन्य कम्युनिकेशन को बेहतर ढंग से रोकने को लेकर कई तरह के मॉडर्न साइबर टूल्स बनाए.