Israel Iran War: इजराइल और ईरान के संबंध हमेशा खराब रहे हैं. ऐसे में पिछले दिनों ईरान की ओर से किए गए हमले ने इन संबंधों में आग में पेट्रोल छिड़के का काम किया है. इजराइल भले ही लेबनान में हिजबुल्लाह से और गाजा पट्टी में हमास से टक्कर ले रहा हो लेकिन वह ईरान को किसी भी हाल में खुला हुआ नहीं छोड़ सकता. इसीलिए इजराइल ने ईरान में तबाही मचाने की रणनीति भी बना ली है. जिससे ईरान में भारी तबाही मच सकती है.
ईरान में तबाही मचाने की योजना
दरअसल, इजराइल ने ईरान पर हमले की अपनी योजना को पूरा कर लिया है, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु संयंत्रों और तेल उत्पादक इलाकों में हमला नहीं करेगा. नेतन्याहू का कहना है कि वह किसी भी वक्त ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमला कर सकते हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल 5 नवंबर से पहले ईरान पर हमला करने की योजना बना रहा है. बता दें कि ईरान ने इसी साल एक अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था. इस हमले के बाद इजराइल ने भी ईरान को सबक सिखाने की ठान ली है. जिसे लेकर इजराइल ने योजना बना ली है और पूरी तैयारी के साथ वह ईरान पर महले को अंजाम देगा.
परमाणु और तेल संयंत्रों पर नहीं करेगा हमला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ किया है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम और तेल संयत्रों पर हमला नहीं करेंगे. वहीं इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बातचीत की. इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ईरान पर जवाबी हमलों के विकल्प पर चर्चा की. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका ईरान के परमाणु और तेल संयंत्रों पर हमले का समर्थन नहीं करेगा.
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अमेरिका के साथ मिलकर बनाया प्लान
बताया जा रहा है कि इजराइल ने अमेरिका के सथ मिलकर ईरान पर हमला करने का प्लान बनाया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल इस तरह से हमले का प्लान बनाने पर सहमत है, जिसका असर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ना हो.
जानें तेल संयंत्रों पर क्यों हमला नहीं करेगा इजराइल
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगर इजराइल ईरान के तेल संयंत्रों पर हमला करता है तो इसका असर पूरी दुनिया में दिखाई देगा. जिससे तेल की कीमतों में भारी इजाफा होने की संभावना है. यही नहीं इस हमले का असर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. जिसका खामियाजा डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस उठाना पड़ सकता है.
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ईरान ने इजराइल पर दागी थीं 180 मिसाइलें
बता दें कि एक अक्टूबर को ही ईरान ने इजराइल पर हमला किया था. इस हमले में ईरान ने 180 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलें इजराइली इलाकों में दागी थी. हालांकि इनमें से ज्यादातर मिसाइलों को इजराइल के डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया था. जबकि कुछ मिसाइलों ने एंटी मिसाइल सिस्टम तो भेद दिया. जिसमें दो लोग मारे गए थे.