इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से युद्ध जारी है. कई इस्राइली पिछले 11 माह से हमास आंतकियों के कब्जे में हैं. इस बीच, हजारों की तादाद में इस्राइली प्रदर्शनाकियों ने सेना मुख्यालय सहित विभिन्न सरकारी दफ्तरों पर धावा बोल दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने गाजा में बंधक बनाए गए 100 से अधिक लोगों की रिहाई के लिए हमास के साथ शांति समझौते के लिए दबाव डाला.
पदर्शनकारियों ने मार्च निकाला. प्रदर्शन में बंधकों के परिजनों ने कहा कि रिहाई के लिए हो रही बातचीत नाकाफी है. कई लोगों को बातचीत में विफल रहने के लिए नेतन्याहू को जिम्मेदार माना. बता दें, दो सप्ताह पहले, गाजा से छह बंधकों का शव बरामद हुआ था, जिसके बाद से इस्राइल में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
सात अक्तूबर से जारी है युद्ध
बता दें, दोनों पक्षों के बीच सात अक्टूबर से युद्ध हो रहा है, जब अलसुबह हमास ने पांच हजार रॉकेटों से इजराइली शहरों पर हमला कर दिया था. हमले को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंकी हमला करार दिया. वे कई बार कमस खा चुके हैं कि जब तक वे हमास को पूर्ण रूप से तबाह नहीं कर देते हैं तब तक युद्ध विराम की घोषणा नहीं करेंगे.
अब तक 40 हजरा फलस्तीनियों की मौत
रिपोर्ट की मानें तो युद्ध में अब तक 40 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई. इनमें अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग नागरिक हैं. हमास के हमले में करीब 1200 इस्राइली लोग मारे गए हैं.
हमले के यह तीन कारण
हमास का कहना है कि यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद है, जिसे इस्राइल अपवित्र कर रहा है और वे इसी का बदला ले रहे हैं. हमास का कहना है कि इस्राइल की पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद पर ग्रेनेड फेंककर इसे अपवित्र कर दिया था. हमास ने बताया कि इस्राइली सेना महिलाओ पर हमला कर रही है. इसके अलावा, इस्राइल ने गाजा के हमास को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस्राइल ने हमास के कई ठिकानों को बर्बाद कर दिया है, जिससे हमास गुस्से में है. हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने अरब देशों से अपील है कि वे इस्राइल के साथ अपने सभी रिश्तों को तोड़ दें. उसका कहना है कि इस्राइल एक अच्छा पड़ोसी और शांत देश कभी नहीं हो सकता.