बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण ली हैं. वहीं, बंग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है, जिसने सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
दर्ज हुए अब तक 49 मामले
अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ अब तक 49 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. साथ ही उनके खिलाफ 7 मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार, एक किडनैपिंग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के जुलूस पर हमले के आरोपों में भी मामले दर्ज किए गए हैं.
लगातार हो रहे हैं दर्ज केस
डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना और उनके पूर्व कैबिनेट सदस्यों के खिलाफ ताजा पांच हत्या के मामले गुरुवार को दर्ज किए गए. इनमें से तीन मामले ढाका में दर्ज हुए, जबकि अन्य दो मामले नरसिंगडी और बोगुरा में दर्ज किए गए हैं. ये कानूनी कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है जब शेख हसीना और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगियों लगभग देश से फरार हैं.
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बांग्लादेश की राजनीतिक किस दिशा में?
भारत में शरण लेने के बाद भी शेख हसीना की स्थिति कठिन बनी हुई है और उनके खिलाफ बढ़ते कानूनी मामलों ने उन्हें और अधिक चिंतित कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस घटनाक्रम को लेकर बढ़ती चिंता देखी जा रही है और यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति किस दिशा में जाती है.
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दुनिया की नजरें बंग्लादेश पर
शेख हसीना पर लगे आरोपों की गंभीरता और उनके खिलाफ बढ़ते मामलों के चलते यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी रहेगा. भारतीय सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.